"दश शील बौद्ध निकाय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन2}}" to "{{बौद्ध धर्म}}")
छो (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन}}" to "")
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
{{अठारह बौद्ध निकाय}}
{{अठारह बौद्ध निकाय}}
{{शील विमर्श}}
{{शील विमर्श}}
{{बौद्ध दर्शन}}
 
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]]  [[Category:बौद्ध धर्म]]    [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]]  [[Category:बौद्ध धर्म]]    [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__

06:45, 17 मार्च 2011 का अवतरण

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में दश शील की यह परिभाषा है:-
अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं।

संबंधित लेख