"प्रयोग:दीपिका1": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{सूचना बक्सा खिलाड़ी
{{सूचना बक्सा खिलाड़ी
|चित्र=Achanta-Sharath-Kamal.jpg  
|चित्र=Achanta-Sharath-Kamal.jpg  
|चित्र का नाम= अचंत शरत कमल
|चित्र का नाम= लिएंडर पेस
|पूरा नाम=अचंत शरत कमल
|पूरा नाम=लिएंडर पेस
|अन्य नाम=
|अन्य नाम=
|जन्म= [[12 जुलाई]], [[1982]]
|जन्म= [[17 जून]], [[1973]]
|जन्म भूमि=[[तमिलनाडु]]
|जन्म भूमि=[[गोवा]]
|मृत्यु=
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|अभिभावक=पिता- डा. वैस अगापितो पेस, माता-जेनिफर पेस
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|खेल-क्षेत्र=[[टेबल टेनिस]]
|खेल-क्षेत्र=[[टेनिस]]
|शिक्षा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि= ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ ([[2004]]), 'राष्ट्रीय चैंपियनशिप' ([[2003]]), ‘राष्ट्रमडंल खेलों’ ([[2006]])
|पुरस्कार-उपाधि= ‘[[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ ([[1996]]), ‘[[पद्म श्री]]’ ([[2001]]), ‘[[अटलांटा ओलंपिक]]’ ([[1996]])
|प्रसिद्धि=
|प्रसिद्धि=भारतीय टेनिस खिलाड़ी
|विशेष योगदान=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय  
|नागरिकता=भारतीय  
पंक्ति 24: पंक्ति 24:
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=अचंत शरत कमल राष्ट्रमडंल खेलों में [[टेबल टेनिस]] चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पाने वाले प्रथम भारतीय खिलाड़ी हैं। [[2006]] के राष्ट्रमडंल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
|अन्य जानकारी=लिएंडर पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति [[1990]] में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन=
}}
}}
'''अचंत शरत कमल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Anchat Sharath Kamal'', जन्म- [[12 जुलाई]], [[1982]], [[तमिलनाडु]]) भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राष्ट्रमडंल खेलों में [[टेबल टेनिस]] चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। अचंत शरत को वर्ष [[2004]] में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया था।
'''लिएंडर पेस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Leander Paes'', जन्म- [[17 जून]], [[1973]], [[गोवा]]) भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने [[1996]] में अटलांटा [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में कांस्य पदक जीत कर [[भारत]] का ओलंपिक में पदक का रास्ता खोला था। उस वक्त लिएंडर ने व्यक्तिगत खेलों में भारत के लिए 44 साल पड़े सूखे को समाप्त किया था। ओलंपिक के लिहाज से लिएंडर पेस का प्रदर्शन एक मील का पत्थर है। [[1996]] में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए '[[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ तथा [[2001]] को महेश भूपति के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया।
==परिचय==
==परिचय==
अचंत शरत कमल का जन्म [[12 जुलाई]], [[1982]] को [[तमिलनाडु]] में हुआ था। यह राष्ट्रमडंल खेलों में [[टेबल टेनिस]] चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पाने वाले प्रथम भारतीय खिलाड़ी हैं। अचंत शरत सुर्खियों में तब आए जब इन्होंने [[भारत]] को पहली बार व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जिताया। अचंत शरत ने यह पदक [[2006]] के राष्ट्रमंडल खेलों में मेलबर्न में जीता था। व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने के अतिरिक्त अंचत ने [[सिंगापुर]] के विरुद्ध भारतीय टेबल टेनिस को जिताने में महत्त्वपूर्ण रोल अदा किया। अचंत शरत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में सेवारत हैं।
लिएंडर पेस का जन्म [[17 जून]], [[1973]] को [[गोवा]] में हुआ था। यह पुरुष डबल्स तथा मिक्सड डबल्स के सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। लिएंडर का पालन-पोषण [[कलकत्ता]] में हुआ था। उनकी मां जेनिफर पेस [[1980]] में भारतीय बास्केट बॉल टीम की कैप्टेन थी और उनके पिता डा. वैस अगापितो पेस हॉकी के मिड-फील्डर थे और [[1972]] के म्यूनिख ओलंपिक में भारतीय टीम के सदस्य थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। लिएंडर को [[टेनिस]] के अतिरिक्त [[गोल्फ़]] खेलने का भी शौक है। उनकी स्कूली शिक्षा [[मद्रास]] क्रिश्चियन कॉलेज, हायर सेकेंड्री स्कूल से हुई। उसका निवास स्थान [[भारत]] में कलकत्ता तथा अमेरिका के फ्लोरिडा में ऑरलेन्डो है। लिएंडर ने 7 वर्ष की आयु में [[टेनिस]] सीखना आरम्भ कर दिया था और खेल की बेसिक जानकारी साउथ क्लब, [[कलकत्ता]] से आरम्भ की थी।
;ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी
उन्होंने [[1985]] में [[मद्रास]] की ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी में प्रशिक्षण आरम्भ कर दिया और उनकी कोचिंग दबे-ओ-मियरा ने की। पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति [[1990]] में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।
;राइस बाउल चैंपियनशिप
इसके पूर्व 14 वर्ष से कम आयु वर्ग की राइस बाउल चैंपियनशिप उन्होंने [[1987]] में हांगकांग में जीती। 2 वर्ष बाद 16 से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता भी उन्होंने जीती। उन्होंने जूनियर व सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब भी हासिल किया।


अचंत शरत ने अपनी योग्यता तभी साबित करनी शुरू कर दी थी जब इन्होंने [[तमिलनाडु|तमिलनाडु राज्य]] के खिताब पर सीनियर कैटेगरी में कब्जा कर लिया था। शरत ने [[2003]] में टेबल टेनिस की राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी।<ref>{{cite web |url= https://www.kaiseaurkya.com/anchat-sharath-kamal-biography-in-hindi-language/|title=अचंत शरत कमल का जीवन परिचय |accessmonthday=08 अक्टूबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language=हिंदी}}</ref>
जब पूरी दुनिया के शीर्ष-खिलाड़ी डेविस कप के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ते हैं तब लिएंडर ने दिखाया कि अपने देश के लिए खेलना कितने गर्व की बात है। उन्हें सर्किट के डबल्स खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।
;राष्ट्रमंडल खेल
;लिएंडर तथा महेश भूपति की जोड़ी
इसके पश्चात [[2004]] में शरत कमल ने क्वालांलपुर में हुई 16वीं राष्ट्रमंडल [[टेबल टेनिस]] चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। अचंत शरत कमल ने यह पदक जीत कर प्रथम भारतीय खिलाड़ी होने का गौरव पाया।
डबल्स में लिएंडर ने [[महेश भूपति|महेश भूपति]] के साथ खेल कर इस जोड़ी को भी एक नम्बर का रैंक हासिल करवाया। [[1991]] में वह प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गया। वैसे लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी की कहानी एक रोलर-कोस्टर की भांति है जिसमें बार-बार उतार-चढ़ाव आते हैं यानी इस जोड़ी का मिलन और अलगाव अनेकों बार हो चुका है। यूं तो भारतीय मीडिया और दर्शक [[क्रिकेट]] से ही जुड़ा रहना ज्यादा पसन्द करते हैं और अन्य खेलों को कम तरजीह देते हैं परन्तु फिर भी किसी अन्य खेल सम्बन्धी समाचार को प्रमुखता से देखा जाता है तो वह है लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी का खेल।


इन दोनों की जोडी ने सर्वप्रथम [[अक्टूबर]] [[1994]] में साथ-साथ जकार्ता चैलेंजर खेला। अटलांटा ओलंपिक, [[1996]] में दूसरे दौर में यह जोड़ी हार गई। उसी वर्ष इस जोड़ी ने डेविस कप में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया। [[1997]] तक इस जोड़ी ने खेल की ऊंचाइयों को छुआ। लेकिन [[1996]] के [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] में एकल स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त कर [[भारत]] को प्रथम बार एकल पदक दिलाया। जब यह जोड़ी बनी तो इस पदक व डेविस कप के कारण लिएंडर सीनियर खिलाड़ी थे। लेकिन जोड़ी के रूप में खेलने पर सीनियर व जूनियर जैसी चीज नहीं रह जाती। इससे पूर्व लिएंडर ने अन्य अनेक खिलाड़ियों के साथ भी जोड़ी बनाने का प्रयास किया था।
[[1997]] से [[2002]] के बीच इस जोड़ी ने 22 टाइटल जीते जिसमें पुरुष डबल्स के तीन ग्रैड स्लैम शामिल हैं। [[1999]] का फ्रेच ओपन और विंबलडन इस जोड़ी ने जीता। [[2001]] का विबंलडन भी इनमें महत्वपूर्ण है। किसी अन्य जोड़ी ने ऐसी शानदार सफलता प्राप्त नहीं की है।
हालांकि अनेक बार इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेद उभरे हैं और उन्होंने साथ-साथ न खेलने का फैसला किया है। वर्ष [[2002]] में उनके बीच दरार आई और [[अप्रैल]] में उन्होंने साथ न खेलने का निर्णय लिया। प्रोफेशनल [[टेनिस]] में अलगाव हो जाने पर भी उन दोनों ने बुसान एशियाई खेलों में जोड़ी के रूप में खेलकर शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता।
[[2003]] में लिएंडर ने अन्य खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाने का प्रयास किया लेकिन फिर डेविस कप के लिए लिएंडर और [[महेश भूपति]] ने जोड़ी बनाई।
इस प्रकार के अनेक मुकाबले जीतने पर लिएंडर को अखबारों में प्रथम पृष्ठ पर अनेक बार स्थान मिला जो भारत में अत्यन्त महत्वपूर्ण है वरना केवल [[क्रिकेट]] खिलाड़ियों को ही समाचार आकर्षण बनने का मौका मिलता है। फ्रेंच ओपन जीतने पर पेस व भूपति को लगभग एक करोड़ इकत्तीस लाख रुपये की इनामी रकम भी मिली। लेकिन इन सबसे और फ्रेंच ओपन से भी ज्यादा विंबलडन विजेता होने का गौरव मिला।
पेस और भूपति की जोड़ी राष्ट्र के गर्व और प्रशंसा की हकदार मानी गई है। [[राष्ट्रपति]] से लेकर आम नागरिक तक सभी ने उन्हें बधाई दी और उन्हें आश्वस्त किया कि वे भारतीयों के लिए गौरव और गर्व के महानायक हैं।
[[फरवरी]] [[2004]] में लिएंडर पेस ने दूसरा और अंतिम उलट एकल जीतने के साथ [[भारत]] को डेविस कप एशिया ओशियाना ग्रुप टेनिस में मेजबान न्यूजीलैंड पर 3-2 से विजय हासिल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लिएंडर को [[टेनिस]] के अतिरिक्त [[गोल्फ़]] खेलने का भी शौक है। उसने [[2002]] में एक साक्षात्कार में बताया– “मुझे आस्ट्रेलियन टेनिस कोच, बॉब कार्मीकील मिला, जो बड़ा गोल्फ़ खिलाड़ी है। उसने मुझे गोल्फ़ से 6 वर्ष पूर्व जोड़ा।”
लिएंडर का मानना है कि [[टेनिस]] और [[गोल्फ़]] में अनेक समानताएं हैं। गोल्फ़ ने मुझे धैर्य रखना सिखाया है। लिएंडर बताते हैं- ”खिलाड़ियों के परिवार से संबद्ध होने के कारण मैं सभी [[खेल]] रुचि के साथ खेलता हूँ। डी.एल.एफ का गोल्फ कोर्स मेरा पंसदीदा गोल्फ़ कोर्स है ।”
==पुरस्कार==
==पुरस्कार==
उनकी सफलता को देखते हुए [[भारत सरकार]] ने वर्ष [[2004]] में उन्हें ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ देकर सम्मानित किया गया।
[[1996]] में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए [[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ दिया गया। लिएंडर पेस की डबल्स की सर्वाधिक रैकिंग 1 रही जो [[21 जून]], [[1999]] को थी। सबसे अच्छी एकल रैकिंग 73 रही, जो 24 अगस्त 1998 को थी | लिएंडर के बारे में कहा जाता कि वह हरफनमौला किस्म के बड़बोले स्वभाव के हैं। पेस को [[26 जनवरी]], [[2001]] को महेश के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया।
==उपलब्धियां==
 
#[[2003]] में शरत कमल ने टेबिल टेनिस की राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती।
सदाबहार खिलाड़ी लिएंडर पेस ने वर्ष [[2006]] में टेनिस कोर्ट पर कामयाबी का नया इतिहास रच डाला। उन्होंने इसी वर्ष मार्टिन डैम के साथ अमेरिकी ओपन में पुरुष डबल्स का खिताब जीता और इसी वर्ष उन्होंने आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जगह बनाई। [[2006]] में दोहा एशियाड ([[दिसम्बर]] में) अपने तमाम विवादों के बावजूद [[महेश भूपति]] के साथ मिलकर पुरुष डबल्स खिताब जीता और [[सानिया मिर्जा]] के साथ मिक्सड डबल्स का खिताब जीतकर वर्ष का शानदार समापन किया।
#[[2004]] में कुआलांलपुर में राष्ट्रमंडल टेबिल टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने पुरुषों की एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। यह पदक जीत कर वह राष्ट्रमडंल खेलों में स्वर्ण पदक पाने वाले प्रथम भारतीय टेबिल टेनिस खिलाड़ी बन गए।
 
#वर्ष [[2004]] में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
==आर्थिक उपलब्धियां==
#मेलबर्न में हुए [[2006]] के राष्ट्रमडंल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
 
अनेक खिताब जीतने पर उन्हें बड़ी धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्राप्त हुई। चूंकि यह खिताब पेस और [[महेश भूपति|महेश]] ने डबल्स में जीते अत: पुरस्कार राशि भी दोनों को सम्मिलित रूप से प्राप्त हुई है। ऐसा कहा जा सकता है कि लक्ष्मी उन पर मेहरबान है।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
उन्हें विबंलडन का युगल खिताब जीतने पर एक लाख 86 हजार 420 पौंड स्टर्लिंग<ref>लगभग एक करोड़ 11 लाख 85 हजार रुपये</ref> की राशि प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त लिएंडर को लिसा रेमंड के साथ मिश्रित युगल का खिताब जीतने पर 79,180 पौंड स्टर्लिग <ref>लगभग 47 लाख 50 हजार 800 रुपये</ref> की राशि मिली।
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}
[[Category:अर्जुन पुरस्कार]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:मैदानी स्पर्धा]]
__INDEX__
__NOTOC__


फ्रेंच ओपन के युगल खिताब के लिए पेस व भूपति को कुल मिलाकर 2 लाख 68 हजार डालर <ref>लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये</ref> की राशि प्राप्त हुई। वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचने से ही दोनों को लगभग 55 लाख डालर की राशि प्राप्त हुई।


इस प्रकार अकेले लिएंडर पेस को [[1999]] के तीनों ग्रैंड स्लैम टूर्नामेटों में लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि मिली। [[1996]] तक इस जोड़ी की [[टेनिस]] से कुल आमदनी लगभग पांच लाख डालर से भी कम थी लेकिन [[1997]] से [[1999]] के बीच दोनों ने लगभग 25 लाख डॉलर की कमाई की।


लिएंडर पेस व महेश की जोड़ी ने विज्ञापनों से भी अच्छी आय अर्जित की। पेप्सी, एडिडास, आई.टी.सी. जैसी कम्पनियों ने इनके ग्रैंड स्लैमों में अच्छे प्रदर्शन के कारण ही अच्छा सहयोग दिया। फिर सियाराम ग्रुप की माडलिंग से भी इन्होंने अच्छी कमाई की।


{{सूचना बक्सा खिलाड़ी
[[2004]] में लिएंडर पेस तथा महेश भूपति की जोड़ी ने टोरंटो (कनाडा) में 25 लाख डालर के ए.टी.पी. टेनिस मास्टर सीरीज में युगल खिताब जीता। पेस-भूपति ने एक साथ खेलते हुए यह 23वां खिताब जीता। यह इन दोनों का पाचवां मास्टर्स खिताब था। खास बात यह है कि इन दोनों ने अपना पहला खिताब भी सात वर्ष पूर्व इसी स्थान पर जीता था। अलग-अलग देखा जाए तो भूपति का यहां 36वां और पेस का 30वां खिताब था। वर्ष [[2006]] में पेस ने पुरुष युगल में मार्टिन डैम के साथ यू.एस. ओपन का खिताब पहली बार जीता। पेस का यह चौथा ग्रैंड स्लैम युगल था तथा कुल मिलाकर सातवाँ खिताब था। यह खिताब उन्हें 5 वर्षों के अन्तराल के बाद मिला।
|चित्र=Jayanta-Talukdar.jpeg
|चित्र का नाम=जयन्त तालुकदार
|पूरा नाम=जयन्त तालुकदार
|अन्य नाम=
|जन्म=[[2 मार्च]], [[1986]]
|जन्म भूमि=[[गुवाहाटी]], [[असम]]
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|खेल-क्षेत्र=तीरंदाज़ी
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि= ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ ([[2007]]), ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ ([[2005]]), ‘एशियाई खेल’ ([[2006]]), ‘सैफ खेल’ ([[2006]])
|प्रसिद्धि=तीरंदाज़
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=जयन्त तालुकदार का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ों में लिया जाता है। उन्होंने अति युवा खिलाड़ी के रूप में अपने खेल की शुरुआत करके [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ों में अपना स्थान बनाया है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''जयन्त तालुकदार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jayanta Talukdar'', जन्म- [[2 मार्च]], [[1986]], [[गुवाहाटी]], [[असम]]) भारतीय तीरंदाज़ खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विश्व के नम्बर एक तीरंदाज़ वर्ष [[2006]] होने का कीर्तिमान कायम किया है। तीरंदाज़ी में उकृष्ट प्रदर्शन के लिए जयन्त को वर्ष [[2007]] ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ से सम्मानित किया गया है।
==परिचय==
जयन्त तालुकदार का जन्म [[2 मार्च]], [[1986]] को [[गुवाहाटी]], [[असम]] में हुआ था। इनका नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ों में लिया जाता है। उन्होंने अति युवा खिलाड़ी के रूप में अपने खेल की शुरुआत करके [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ों में अपना स्थान बनाया है। जयन्त के [[पिता]] खदान के मालिक हैं। जयन्त परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं। जयन्त खिलाड़ी के रूप में तब पहचान में आए जब गुवाहाटी में तीरंदाज़ी के कोचों के द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का कैम्प लगाये गये थे। उन्होंने टाटा तीरंदाज़ी अकादमी, [[जमशेदपुर]] में तीरंदाज़ी की ट्रेनिंग प्राप्त की। वहीं पर उन्होंने अपने कोचों को अपने शारीरिक सौष्ठव तथा सही निशानेबाज़ी की कुशलता से प्रभावित कर दिया।
;जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप
[[2004]] में जयन्त एक अत्यन्त प्रतिभावान खिलाड़ी के रूप में उभरे जब उन्होंने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रिटेन में भारतीय टीम में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम ने विश्व स्तर पर रजत पदक प्राप्त किया। इस प्रकार तीरंदाज़ी में भारतीय खिलाड़ियों ने पहली बार विश्व स्तर पर कई पदक प्राप्त किये जिनका मुख्य श्रेय जयन्त तालुकदार को दिया गया है।
==पुरस्कार==
जयन्त विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले [[भारत]] के प्रथम तीरंदाज़ हैं । उन्हें वर्ष [[2006]] के लिए ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया है।
;फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप
[[2005]] में जयन्त पुन: [[भारत]] के शीर्ष तीरंदाज़ों में रहे जब उन्होंने कोच्चि में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप मुकाबले में बड़े नामी खिलाड़ियों को हरा दिया। इसी वर्ष 2005 में जयन्त ने एक इतिहास रच डाला जब उन्होंने क्रोएशिया के पोरेक में ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीत लिया। वह विश्व स्तर पर व्यक्तिगत खिलाड़ी के रूप में रैंकिंग में विश्व के नम्बर दो खिलाड़ी बन गए।<ref>{{cite web |url= https://www.kaiseaurkya.com/jayanta-talukdar-biography-in-hindi-language/|title=जयन्त तालुकदार का जीवन परिचय |accessmonthday=08 अक्टूबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language=हिंदी}}</ref>


आज भी जयन्त तालुकदार की रैंकिंग विश्व में दूसरे नम्बर पर हैं। वह इटली के इलरियो डी बुओ के बाद दूसरे नम्बर पर हैं।
;एशियाई खेल
वर्ष [[2006]] में जयन्त तालुकदार ने कोलंबो में हुए दक्षिण एशियाई (सैफ) खेलों में अपने प्रतिद्वन्दी तरुनदीप राय को हरा कर पुरुषों का तीरंदाजी का स्वर्ण पदक जीत लिया।
==उपलब्धियां==
==उपलब्धियां==
#जयन्त तालुकदार की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ों में की जाती है।
#[[1996]]- लिएंडर पेस को [[राजीव गाँधी खेल रत्न|‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]’ दिया गया।
#वह विश्व स्तर पर तीरंदाज़ी में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय तीरंदाज़ है। जयन्त ने ‘फीटा माटेकसन आर्चरी वर्ल्ड कप’ में [[2005]] में स्वर्ण पदक जीत कर यह कीर्तिमान स्थापित किया।
#[[1990]]- विंबलडन जूनियर ख़िताब जीता।
#वह [[2005]] में एर्नाकुलम ‘रिकर्व’ में व्यक्तिगत विजेता बने तथा [[2006]] में कोलकाता में विजेता रहे।
#[[1996]]- अटलांटा ओलंपिक- एकल कांस्य पदक जीता।
#[[2006]] के दोहा एशियाई खेलों में उन्हें टीम का कांस्य पदक मिला।
#[[1999]]- चार ग्रैंड स्लैम मुकाबलों में युगल खेल में सभी के फाइनल में पहुंचा, फिर विबंलडन और फ्रेंच ओपन मुकाबला जीता। विबंलडन का मिश्रित युगल का खिताब जीता।
#एशियाई चैंपियनशिप में उन्हें [[2003]] में यांगोन में टीम का रजत तथा [[2005]] में भी एशियाई चैंपियनशिप, [[नई दिल्ली]] में टीम का रजत पदक प्राप्त हुआ।
#[[2001]]- फ्रेंच ओपन का युगल खिताब जीता।
#जयन्त तालुकदार उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने [[2004]] में विश्व चैंपियनशिप ब्रिटेन में रजत पदक जीता था।
#[[2001]] - लिएंडर पेस को [[महेश भूपति]] के साथ ‘[[पद्म श्री]]’ सम्मान प्रदान किया गया था।
#व्यक्तिगत ‘रिकर्व-इवेंट’ में जयन्त विश्व में दूसरे नम्बर के खिलाड़ी हैं।
#[[2003]]- मार्टिना नवरातिलोवा के साथ मिश्रित युगल में विबंलडन व आस्ट्रेलियई ओपन में विजय प्राप्त की।
#[[2006]] में जयन्त ने कोलम्बो में हुए सैफ खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
#[[2004]]- [[9 अप्रैल]] 2004 को जापान के ओसाका में डेविस कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम से [[जापान]] के साथ मुकाबले में डेविस कप में जीत दिला दी। इस जीत के साथ पेस [[भारत]] की ओर से सबसे अधिक एकल मैच जीतने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पूर्व यह रिकार्ड रामानाथन कृष्णन के नाम पर था। पेस ने न्यूजीलैंड में ही रामानाथन कृष्णन के 69 मैच जीतने की बराबरी कर ली थी लेकिन ओसाका (जापान) में एक और मैच जीतकर पेस 70 जीत व 39 हार के साथ सबसे अधिक डेविस कप जीतने वाला भारतीय हो गया।
#जयन्त तालुकदार ने [[29 अगस्त]] [[2007]] को वर्ष [[2006]] के लिए ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया।
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:16, 12 अक्टूबर 2016 का अवतरण

दीपिका1
लिएंडर पेस
लिएंडर पेस
पूरा नाम लिएंडर पेस
जन्म 17 जून, 1973
जन्म भूमि गोवा
अभिभावक पिता- डा. वैस अगापितो पेस, माता-जेनिफर पेस
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र टेनिस
पुरस्कार-उपाधि ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ (1996), ‘पद्म श्री’ (2001), ‘अटलांटा ओलंपिक’ (1996)
प्रसिद्धि भारतीय टेनिस खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी लिएंडर पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति 1990 में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।

लिएंडर पेस (अंग्रेज़ी: Leander Paes, जन्म- 17 जून, 1973, गोवा) भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1996 में अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर भारत का ओलंपिक में पदक का रास्ता खोला था। उस वक्त लिएंडर ने व्यक्तिगत खेलों में भारत के लिए 44 साल पड़े सूखे को समाप्त किया था। ओलंपिक के लिहाज से लिएंडर पेस का प्रदर्शन एक मील का पत्थर है। 1996 में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए '‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ तथा 2001 को महेश भूपति के साथ ‘पद्म श्री’ सम्मान प्रदान किया गया।

परिचय

लिएंडर पेस का जन्म 17 जून, 1973 को गोवा में हुआ था। यह पुरुष डबल्स तथा मिक्सड डबल्स के सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। लिएंडर का पालन-पोषण कलकत्ता में हुआ था। उनकी मां जेनिफर पेस 1980 में भारतीय बास्केट बॉल टीम की कैप्टेन थी और उनके पिता डा. वैस अगापितो पेस हॉकी के मिड-फील्डर थे और 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में भारतीय टीम के सदस्य थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। लिएंडर को टेनिस के अतिरिक्त गोल्फ़ खेलने का भी शौक है। उनकी स्कूली शिक्षा मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, हायर सेकेंड्री स्कूल से हुई। उसका निवास स्थान भारत में कलकत्ता तथा अमेरिका के फ्लोरिडा में ऑरलेन्डो है। लिएंडर ने 7 वर्ष की आयु में टेनिस सीखना आरम्भ कर दिया था और खेल की बेसिक जानकारी साउथ क्लब, कलकत्ता से आरम्भ की थी।

ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी

उन्होंने 1985 में मद्रास की ब्रिटेनिया टेनिस एकेडेमी में प्रशिक्षण आरम्भ कर दिया और उनकी कोचिंग दबे-ओ-मियरा ने की। पेस ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति 1990 में अर्जित की जब उन्होंने विंबलडन जूनियर का खिताब जीता और जूनियर विश्व रैंकिंग में नम्बर एक खिलाड़ी बन गए।

राइस बाउल चैंपियनशिप

इसके पूर्व 14 वर्ष से कम आयु वर्ग की राइस बाउल चैंपियनशिप उन्होंने 1987 में हांगकांग में जीती। 2 वर्ष बाद 16 से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता भी उन्होंने जीती। उन्होंने जूनियर व सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब भी हासिल किया।

जब पूरी दुनिया के शीर्ष-खिलाड़ी डेविस कप के नाम पर नाक-भौं सिकोड़ते हैं तब लिएंडर ने दिखाया कि अपने देश के लिए खेलना कितने गर्व की बात है। उन्हें सर्किट के डबल्स खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।

लिएंडर तथा महेश भूपति की जोड़ी

डबल्स में लिएंडर ने महेश भूपति के साथ खेल कर इस जोड़ी को भी एक नम्बर का रैंक हासिल करवाया। 1991 में वह प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गया। वैसे लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी की कहानी एक रोलर-कोस्टर की भांति है जिसमें बार-बार उतार-चढ़ाव आते हैं यानी इस जोड़ी का मिलन और अलगाव अनेकों बार हो चुका है। यूं तो भारतीय मीडिया और दर्शक क्रिकेट से ही जुड़ा रहना ज्यादा पसन्द करते हैं और अन्य खेलों को कम तरजीह देते हैं परन्तु फिर भी किसी अन्य खेल सम्बन्धी समाचार को प्रमुखता से देखा जाता है तो वह है लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी का खेल।

इन दोनों की जोडी ने सर्वप्रथम अक्टूबर 1994 में साथ-साथ जकार्ता चैलेंजर खेला। अटलांटा ओलंपिक, 1996 में दूसरे दौर में यह जोड़ी हार गई। उसी वर्ष इस जोड़ी ने डेविस कप में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया। 1997 तक इस जोड़ी ने खेल की ऊंचाइयों को छुआ। लेकिन 1996 के ओलंपिक में एकल स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त कर भारत को प्रथम बार एकल पदक दिलाया। जब यह जोड़ी बनी तो इस पदक व डेविस कप के कारण लिएंडर सीनियर खिलाड़ी थे। लेकिन जोड़ी के रूप में खेलने पर सीनियर व जूनियर जैसी चीज नहीं रह जाती। इससे पूर्व लिएंडर ने अन्य अनेक खिलाड़ियों के साथ भी जोड़ी बनाने का प्रयास किया था।

1997 से 2002 के बीच इस जोड़ी ने 22 टाइटल जीते जिसमें पुरुष डबल्स के तीन ग्रैड स्लैम शामिल हैं। 1999 का फ्रेच ओपन और विंबलडन इस जोड़ी ने जीता। 2001 का विबंलडन भी इनमें महत्वपूर्ण है। किसी अन्य जोड़ी ने ऐसी शानदार सफलता प्राप्त नहीं की है।

हालांकि अनेक बार इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेद उभरे हैं और उन्होंने साथ-साथ न खेलने का फैसला किया है। वर्ष 2002 में उनके बीच दरार आई और अप्रैल में उन्होंने साथ न खेलने का निर्णय लिया। प्रोफेशनल टेनिस में अलगाव हो जाने पर भी उन दोनों ने बुसान एशियाई खेलों में जोड़ी के रूप में खेलकर शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता।

2003 में लिएंडर ने अन्य खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाने का प्रयास किया लेकिन फिर डेविस कप के लिए लिएंडर और महेश भूपति ने जोड़ी बनाई।

इस प्रकार के अनेक मुकाबले जीतने पर लिएंडर को अखबारों में प्रथम पृष्ठ पर अनेक बार स्थान मिला जो भारत में अत्यन्त महत्वपूर्ण है वरना केवल क्रिकेट खिलाड़ियों को ही समाचार आकर्षण बनने का मौका मिलता है। फ्रेंच ओपन जीतने पर पेस व भूपति को लगभग एक करोड़ इकत्तीस लाख रुपये की इनामी रकम भी मिली। लेकिन इन सबसे और फ्रेंच ओपन से भी ज्यादा विंबलडन विजेता होने का गौरव मिला।

पेस और भूपति की जोड़ी राष्ट्र के गर्व और प्रशंसा की हकदार मानी गई है। राष्ट्रपति से लेकर आम नागरिक तक सभी ने उन्हें बधाई दी और उन्हें आश्वस्त किया कि वे भारतीयों के लिए गौरव और गर्व के महानायक हैं।

फरवरी 2004 में लिएंडर पेस ने दूसरा और अंतिम उलट एकल जीतने के साथ भारत को डेविस कप एशिया ओशियाना ग्रुप टेनिस में मेजबान न्यूजीलैंड पर 3-2 से विजय हासिल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लिएंडर को टेनिस के अतिरिक्त गोल्फ़ खेलने का भी शौक है। उसने 2002 में एक साक्षात्कार में बताया– “मुझे आस्ट्रेलियन टेनिस कोच, बॉब कार्मीकील मिला, जो बड़ा गोल्फ़ खिलाड़ी है। उसने मुझे गोल्फ़ से 6 वर्ष पूर्व जोड़ा।”

लिएंडर का मानना है कि टेनिस और गोल्फ़ में अनेक समानताएं हैं। गोल्फ़ ने मुझे धैर्य रखना सिखाया है। लिएंडर बताते हैं- ”खिलाड़ियों के परिवार से संबद्ध होने के कारण मैं सभी खेल रुचि के साथ खेलता हूँ। डी.एल.एफ का गोल्फ कोर्स मेरा पंसदीदा गोल्फ़ कोर्स है ।”

पुरस्कार

1996 में लिएंडर पेस को उनके टेनिस में उत्तम प्रदर्शन के लिए ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ दिया गया। लिएंडर पेस की डबल्स की सर्वाधिक रैकिंग 1 रही जो 21 जून, 1999 को थी। सबसे अच्छी एकल रैकिंग 73 रही, जो 24 अगस्त 1998 को थी | लिएंडर के बारे में कहा जाता कि वह हरफनमौला किस्म के बड़बोले स्वभाव के हैं। पेस को 26 जनवरी, 2001 को महेश के साथ ‘पद्म श्री’ सम्मान प्रदान किया गया।

सदाबहार खिलाड़ी लिएंडर पेस ने वर्ष 2006 में टेनिस कोर्ट पर कामयाबी का नया इतिहास रच डाला। उन्होंने इसी वर्ष मार्टिन डैम के साथ अमेरिकी ओपन में पुरुष डबल्स का खिताब जीता और इसी वर्ष उन्होंने आस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जगह बनाई। 2006 में दोहा एशियाड (दिसम्बर में) अपने तमाम विवादों के बावजूद महेश भूपति के साथ मिलकर पुरुष डबल्स खिताब जीता और सानिया मिर्जा के साथ मिक्सड डबल्स का खिताब जीतकर वर्ष का शानदार समापन किया।

आर्थिक उपलब्धियां

अनेक खिताब जीतने पर उन्हें बड़ी धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्राप्त हुई। चूंकि यह खिताब पेस और महेश ने डबल्स में जीते अत: पुरस्कार राशि भी दोनों को सम्मिलित रूप से प्राप्त हुई है। ऐसा कहा जा सकता है कि लक्ष्मी उन पर मेहरबान है।

उन्हें विबंलडन का युगल खिताब जीतने पर एक लाख 86 हजार 420 पौंड स्टर्लिंग[1] की राशि प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त लिएंडर को लिसा रेमंड के साथ मिश्रित युगल का खिताब जीतने पर 79,180 पौंड स्टर्लिग [2] की राशि मिली।

फ्रेंच ओपन के युगल खिताब के लिए पेस व भूपति को कुल मिलाकर 2 लाख 68 हजार डालर [3] की राशि प्राप्त हुई। वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचने से ही दोनों को लगभग 55 लाख डालर की राशि प्राप्त हुई।

इस प्रकार अकेले लिएंडर पेस को 1999 के तीनों ग्रैंड स्लैम टूर्नामेटों में लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि मिली। 1996 तक इस जोड़ी की टेनिस से कुल आमदनी लगभग पांच लाख डालर से भी कम थी लेकिन 1997 से 1999 के बीच दोनों ने लगभग 25 लाख डॉलर की कमाई की।

लिएंडर पेस व महेश की जोड़ी ने विज्ञापनों से भी अच्छी आय अर्जित की। पेप्सी, एडिडास, आई.टी.सी. जैसी कम्पनियों ने इनके ग्रैंड स्लैमों में अच्छे प्रदर्शन के कारण ही अच्छा सहयोग दिया। फिर सियाराम ग्रुप की माडलिंग से भी इन्होंने अच्छी कमाई की।

2004 में लिएंडर पेस तथा महेश भूपति की जोड़ी ने टोरंटो (कनाडा) में 25 लाख डालर के ए.टी.पी. टेनिस मास्टर सीरीज में युगल खिताब जीता। पेस-भूपति ने एक साथ खेलते हुए यह 23वां खिताब जीता। यह इन दोनों का पाचवां मास्टर्स खिताब था। खास बात यह है कि इन दोनों ने अपना पहला खिताब भी सात वर्ष पूर्व इसी स्थान पर जीता था। अलग-अलग देखा जाए तो भूपति का यहां 36वां और पेस का 30वां खिताब था। वर्ष 2006 में पेस ने पुरुष युगल में मार्टिन डैम के साथ यू.एस. ओपन का खिताब पहली बार जीता। पेस का यह चौथा ग्रैंड स्लैम युगल था तथा कुल मिलाकर सातवाँ खिताब था। यह खिताब उन्हें 5 वर्षों के अन्तराल के बाद मिला।

उपलब्धियां

  1. 1996- लिएंडर पेस को ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ दिया गया।
  2. 1990- विंबलडन जूनियर ख़िताब जीता।
  3. 1996- अटलांटा ओलंपिक- एकल कांस्य पदक जीता।
  4. 1999- चार ग्रैंड स्लैम मुकाबलों में युगल खेल में सभी के फाइनल में पहुंचा, फिर विबंलडन और फ्रेंच ओपन मुकाबला जीता। विबंलडन का मिश्रित युगल का खिताब जीता।
  5. 2001- फ्रेंच ओपन का युगल खिताब जीता।
  6. 2001 - लिएंडर पेस को महेश भूपति के साथ ‘पद्म श्री’ सम्मान प्रदान किया गया था।
  7. 2003- मार्टिना नवरातिलोवा के साथ मिश्रित युगल में विबंलडन व आस्ट्रेलियई ओपन में विजय प्राप्त की।
  8. 2004- 9 अप्रैल 2004 को जापान के ओसाका में डेविस कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम से जापान के साथ मुकाबले में डेविस कप में जीत दिला दी। इस जीत के साथ पेस भारत की ओर से सबसे अधिक एकल मैच जीतने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पूर्व यह रिकार्ड रामानाथन कृष्णन के नाम पर था। पेस ने न्यूजीलैंड में ही रामानाथन कृष्णन के 69 मैच जीतने की बराबरी कर ली थी लेकिन ओसाका (जापान) में एक और मैच जीतकर पेस 70 जीत व 39 हार के साथ सबसे अधिक डेविस कप जीतने वाला भारतीय हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लगभग एक करोड़ 11 लाख 85 हजार रुपये
  2. लगभग 47 लाख 50 हजार 800 रुपये
  3. लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख