"अश्वघोष के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर
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* विषयों की खोज में | * विषयों की खोज में दु:ख है। उनकी प्राप्ति होने पर तृप्ति नहीं होती। उनका वियोग होने पर शोक होना निश्चित है। | ||
* धनों में श्रद्धारूपी धन ही श्रेष्ठतम है। | * धनों में श्रद्धारूपी धन ही श्रेष्ठतम है। | ||
* आत्मवान संयमी पुरुषों को न तो विषयों में आसक्ति होती है और न वे विषयों के लिए युक्ति ही करते हैं। | * आत्मवान संयमी पुरुषों को न तो विषयों में आसक्ति होती है और न वे विषयों के लिए युक्ति ही करते हैं। |
14:02, 2 जून 2017 का अवतरण
अश्वघोष के अनमोल वचन |
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इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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