- अविचारशील मनुष्य दुख को प्राप्त होते हैं।
- हे परमेश्वर, हमारे मन को शुभ संकल्प वाला बनाओ। हमें सुखदायी बल और कर्मशक्ति प्रदान करो।
- हम देवों की शुभ मति के अधीन रहें।
- जैसे रथ का पहिया इधर-उधर नीचे-ऊपर घूमता रहता है, वैसे ही धन भी विभिन्न व्यक्तियों के पास आता-जाता रहता है, वह कभी एक स्थान पर स्थिर नहीं रहता।
- देते हुए पुरुषों का धन क्षीण नहीं होता। दान न देने वाले पुरुष को अपने प्रति दया करने वाला नहीं मिलता।
- सब लोग हृदय के दृढ़ संकल्प से श्रद्धा की उपासना करते हैं, क्योंकि श्रद्धा से ही ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
- हे शक्तिशाली मार्गदर्शक तेरी रक्षण शक्ति और बहु-विधि ज्ञान-शक्ति से तू हमें उत्तम शिक्षा दे। हमें अवगुण, क्षुधा और व्याधि से मुक्त कर।
- परमेश्वर विद्वानों की संगति से प्राप्त होता है।
- हमारी बुद्धियां विविध प्रकार की हैं। मनुष्य के कर्म भी विविध प्रकार के हैं।
- देवता श्रम करने वाले के अतिरिक्त किसी और से मित्रता नहीं करते हैं।
- जो श्रम नहीं करता, देवता उसके साथ मैत्री नहीं करते।
|
इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख