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− | रवि शंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में एक छात्र नेता के रूप में हुई। उन्होंने तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गांधी]] के | + | रवि शंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत [[1970]] में एक छात्र नेता के रूप में हुई। उन्होंने तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गांधी]] के खिलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और [[जयप्रकाश नारायण]] के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन में ए.बी.वी.पी. के सक्रिय छात्र नेता के रूप में काम करते रहे। अपने कॉलेज के दिनों में रवि शंकर प्रसाद पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सहायक महासचिव बने और [[1995]] से [[बीजेपी]] राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। रवि शंकर प्रसाद अपने कड़े तेवर के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।<ref>{{cite web |url=https://www.jagran.com/politics/state-veteran-leader-of-bjp-ravishankar-prasad-today-takes-oath-for-pm-modi-cabinet-jagran-special-19268273.html |title=छात्र नेता से केंद्रीय मंत्री तक का सफर|accessmonthday=29 दिसम्बर|accessyear= 2019|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jagran |language=हिंदी}}</ref> छात्र जीवन में वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और [[विश्वविद्यालय]] की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रह चुके हैं। |
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− | [[बिहार]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] और पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री [[लालू प्रसाद यादव]] के खिलाफ चारा घोटाले और कोलतार घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले रवि शंकर प्रसाद प्रमुख वकील थे। वह पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री [[लालकृष्ण आडवाणी]] के वकील भी रहे। 2010 में [[इलाहाबाद उच्च न्यायालय]] की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से प्रसाद भी एक थे। | + | [[बिहार]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] और पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री [[लालू प्रसाद यादव]] के खिलाफ '''चारा घोटाले''' और '''कोलतार घोटाले''' में जनहित याचिका पर बहस करने वाले रवि शंकर प्रसाद प्रमुख वकील थे। वह पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री [[लालकृष्ण आडवाणी]] के वकील भी रहे। [[2010]] में [[इलाहाबाद उच्च न्यायालय]] की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से प्रसाद भी एक थे। |
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− | सन 2000 में वह सांसद बने और अगले साल 2001 में [[अटल बिहारी वाजपेयी]] की सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे। वह भाजपा के मुख्य प्रवक्ता हैं। 1 जुलाई, 2002 को रवि शंकर प्रसाद को विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्यमंत्री का अतिरिक्त भार दिया गया। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रेडियो, टेलीविजन और एनिमेशन क्षेत्र में सुधारों तथा गोवा में भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के केन्द्र की स्थापना की शुरुआत की।<ref name="rts"/> | + | सन [[2000]] में वह सांसद बने और अगले साल [[2001]] में [[अटल बिहारी वाजपेयी]] की सरकार में '''कोयला एवं खान राज्य मंत्री''' रहे। वह [[भाजपा]] के मुख्य प्रवक्ता हैं। [[1 जुलाई]], [[2002]] को रवि शंकर प्रसाद को '''विधि एवं न्याय मंत्रालय''' में राज्यमंत्री का अतिरिक्त भार दिया गया। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रेडियो, [[टेलीविजन]] और एनिमेशन क्षेत्र में सुधारों तथा [[गोवा]] में भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के केन्द्र की स्थापना की शुरुआत की।<ref name="rts"/> |
10:43, 29 दिसम्बर 2019 का अवतरण
रवि शंकर प्रसाद
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पूरा नाम | रवि शंकर प्रसाद |
जन्म | 30 अगस्त, 1954 |
जन्म भूमि | पटना, बिहार |
पति/पत्नी | माया |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय |
शिक्षा | बी.ए. (ऑनर्स), राजनीति विज्ञान से एम.ए. और एल.एल.बी. |
विद्यालय | पटना विश्वविद्यालय |
विशेष योगदान | गोवा में 'भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' के केन्द्र की स्थापना की, शुरुआत की। |
अन्य जानकारी | 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से प्रसाद भी एक थे। |
अद्यतन | 15:15, 29 दिसम्बर 2019 (IST)
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रवि शंकर प्रसाद (अंग्रेज़ी: Ravi Shankar Prasad, जन्म- 30 अगस्त, 1954, पटना, बिहार) एक वकील और राजनीतिज्ञ हैं। इसके अलावा वे सत्रहवीं लोकसभा में भारत सरकार में इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री हैं। वे संसद में राज्य सभा के सदस्य हैं और बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्षों तक रवि शंकर प्रसाद भाजपा की युवा शाखा तथा पार्टी संगठन में राष्ट्रीय स्तर के उत्तरदायित्व संभालते रहे। सन् 2000 में वह सांसद बने और सन् 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे।
जन्म
रवि शंकर प्रसाद का जन्म बिहार में पटना के एक कायस्थ परिवार में 30 अगस्त सन 1954 में हुआ। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स), राजनीति विज्ञान से एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री ली है। उनके पिता ठाकुर प्रसाद पटना उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकील थे। उनका विवाह 3 फरवरी 1982 को डॉ. माया शंकर के साथ हुआ। वह पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर भी रही हैं।[1]
राजनीतिक शुरुआत
रवि शंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में एक छात्र नेता के रूप में हुई। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन में ए.बी.वी.पी. के सक्रिय छात्र नेता के रूप में काम करते रहे। अपने कॉलेज के दिनों में रवि शंकर प्रसाद पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सहायक महासचिव बने और 1995 से बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। रवि शंकर प्रसाद अपने कड़े तेवर के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।[2] छात्र जीवन में वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रह चुके हैं।
वकालत कार्य
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले और कोलतार घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले रवि शंकर प्रसाद प्रमुख वकील थे। वह पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के वकील भी रहे। 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में लंबे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से प्रसाद भी एक थे।
राज्यमंत्री
सन 2000 में वह सांसद बने और अगले साल 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे। वह भाजपा के मुख्य प्रवक्ता हैं। 1 जुलाई, 2002 को रवि शंकर प्रसाद को विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्यमंत्री का अतिरिक्त भार दिया गया। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रेडियो, टेलीविजन और एनिमेशन क्षेत्र में सुधारों तथा गोवा में भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के केन्द्र की स्थापना की शुरुआत की।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 रवि शंकर प्रसाद (हिंदी) khabar.ndtv। अभिगमन तिथि: 29 दिसम्बर, 2019।
- ↑ छात्र नेता से केंद्रीय मंत्री तक का सफर (हिंदी) jagran। अभिगमन तिथि: 29 दिसम्बर, 2019।
बाहरी कड़ियाँ
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नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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