अम्बिकादत्त व्यास

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  • अम्बिकादत्त व्यास (जन्म- 1848; मृत्यु- 1900) ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे।
  • अम्बिकादत्त भारतेंदु युग के कवि और लेखक हैं।
  • अम्बिकादत्त व्यास भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के समकालीन तथा उनसे प्रभावित हिन्दी-सेवी साहित्यकार थे।
  • अम्बिकादत्त ने खड़ी बोली में तुकांत और अतुकांत दोनों प्रकार की कविताएँ लिखीं।[1]
  • अम्बिकादत्त ने काशी से 'वैष्णव-पत्रिका' (1884 ई.) आरम्भ की थी जो बाद में 'पियूष-प्रवाह' नाम से साहित्यिक पत्रिका में रूपांतरित हो गयी।
  • अम्बिकादत्त प्रख्यात विद्वान और कुशल वक्ता थे।
  • अम्बिकादत्त ने पद्य और गद्य दोनों विद्याओं में रचनाएँ लिखी।[1]
  • कवित्त-सवैया शैली में ब्रजभाषा की उनकी रचनाएँ लोकप्रिय हुईं।[1]
  • 'बिहारी बिहार' नामक ग्रन्थ में उन्होंने बिहारी सतसई के आधार पर कुंडलियों की रचना की।[1]
  • भारतेन्दु से प्रेरणा लेकर अंबिकादत्त व्यास ने कुछ नाटकों की भी रचना की। इनकी विषय वस्तु कृष्ण लीला और गो-रक्षा से सम्बन्धित है।[1]
  • 'अवतार मीमांसा' अम्बिकादत्त का प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ है।[1]

प्रमुख रचनाएँ

  • पावन पचासा- अम्बिकादत्त की एक काव्यकृति है।[1]
  • बिहारीबिहार
  • चांद की रात


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 6।

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