"बौद्ध संगीति प्रथम" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (श्रेणी:धर्म कोश (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
{{बौद्ध धर्म}}
 
{{बौद्ध धर्म}}
 
[[Category:बौद्ध धर्म]]
 
[[Category:बौद्ध धर्म]]
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]]
+
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

13:45, 21 मार्च 2014 का अवतरण

प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन 483 ई.पू. में 'राजगृह' (आधुनिक राजगिरि), बिहार की 'सप्तपर्णि गुफ़ा' में किया गया था। महात्मा गौतम बुद्ध के निर्वाण प्राप्त करने के कुछ समय बाद ही इस संगीति का आयोजन किया गया था।

  • इस संगीति में बौद्ध स्थविरों (थेरों) ने भी भाग था।
  • बुद्ध के प्रमुख शिष्य 'महाकस्यप' (महाकश्यप) ने इसकी अध्यक्षता की।
  • महात्मा बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं को लिपिबद्ध नहीं किया था, इसीलिए संगीति में उनके तीन शिष्यों-'महापण्डित महाकाश्यप', सबसे वयोवृद्ध 'उपालि' तथा सबसे प्रिय शिष्य 'आनन्द' ने उनकी शिक्षाओं का संगायन किया।
  • इसके पश्चात उनकी ये शिक्षाएँ गुरु-शिष्य परम्परा से मौखिक चलती रहीं, उन्हें लिपिबद्ध बहुत बाद में किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख