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'''लीलावती मुंशी''' प्रसिद्ध साहित्यकार [[कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी]] की पत्नी और [[गुजराती भाषा|गुजराती]] लेखिका तथा सामाजिक कार्यकर्ता थीं। ये भारतीय विद्या भवन की संस्थापिका और बहुत बड़ी राष्ट्रभाषा-प्रेमी महिला थीं। 
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'''लीलावती मुंशी''' प्रसिद्ध राजनेता एवं गुजराती साहित्यकार [[कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी]] की पत्नी थीं। [[गुजराती भाषा|गुजराती]] लेखिका तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी इन्हें प्रसिद्धि प्राप्त थी। [[भारत]] की आज़ादी के लिए भी लीलावती मुंशी ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
==प्रसिद्ध पुस्तकें==
 
* ‘रेखाचित्रो अने बीजा लेखो’
 
* ‘कुमारदेवी’ (नाटक)
 
* ‘जीवनमांशी जडेली’ (कहानियाँ) 
 
  
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*लीलावती मुंशी 'भारतीय विद्या भवन' की संस्थापिका और बहुत बड़ी राष्ट्रभाषा प्रेमी महिला थीं।
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*[[स्वतंत्रता आंदोलन]] में श्रीमती लीलावती मुंशी का योगदान कम नहीं था। आज़ादी के संघर्ष में भाग लेने के लिए वे तीन बार जेल गयी थीं।
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*अपने लेखन और भाषणों से लीलावती जी ने अनेक लोगों को प्रेरणा दी और उन्हें प्रोत्साहित किया।
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*लीलावती मुंशी ने कई पुस्तकों की भी रचना की थी, जैसे-
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#‘रेखाचित्रो अने बीजा लेखो’
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#‘कुमारदेवी’ (नाटक)
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#‘जीवनमांशी जडेली’ (कहानियाँ)
  
  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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लीलावती मुंशी प्रसिद्ध राजनेता एवं गुजराती साहित्यकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी की पत्नी थीं। गुजराती लेखिका तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी इन्हें प्रसिद्धि प्राप्त थी। भारत की आज़ादी के लिए भी लीलावती मुंशी ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।

  • लीलावती मुंशी 'भारतीय विद्या भवन' की संस्थापिका और बहुत बड़ी राष्ट्रभाषा प्रेमी महिला थीं।
  • स्वतंत्रता आंदोलन में श्रीमती लीलावती मुंशी का योगदान कम नहीं था। आज़ादी के संघर्ष में भाग लेने के लिए वे तीन बार जेल गयी थीं।
  • अपने लेखन और भाषणों से लीलावती जी ने अनेक लोगों को प्रेरणा दी और उन्हें प्रोत्साहित किया।
  • लीलावती मुंशी ने कई पुस्तकों की भी रचना की थी, जैसे-
  1. ‘रेखाचित्रो अने बीजा लेखो’
  2. ‘कुमारदेवी’ (नाटक)
  3. ‘जीवनमांशी जडेली’ (कहानियाँ)


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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