कुवरि राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द की परम्परा में आने वाले कवि थे। इनका ग्रन्थ 'प्रेमरत्न' है, जिसकी रचना संवत 1844 में मानी जाती है। इस ग्रन्थ में 128 चौपाईयाँ, 142 दोहे और 16 सोरठा का अद्भुत मिश्रण है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।