रेफ
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:21, 2 जून 2020 का अवतरण
- 'र' का वह रूप जो किसी अक्षर के ऊपर आने वाले स्वरांत व्यंजन पर लगाया जाता है, जैसे- कर्म, धर्म
- शब्द
विशेषण - 1. निंदनीय 2. नीच।
'रेफ 1' - संज्ञा पुलिंग (संस्कृत)
- रकार का वह रूप जो अन्य अक्षर के पहले जाने पर उसके मस्तक पर रहता है, जैसे, सर्प, दर्प, हर्ष, आदि में।
- रकार र अक्षर
- राग
- शब्द
'रेफ 2' - संज्ञा पुलिंग (संस्कृत रेफस्)
कलंक। दोष। ऐब। रेप।
'रेफ 3' - विशेषण (संस्कृत)
कुत्सित। अधम।
|
|
|
|
|