यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण
बाण अस्त्र इसके सायक, शर और तीर आदि भिन्न-भिन्न नाम हैं। ये बाण भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। उनके गुण और कर्म भिन्न-भिन्न हैं।
इनका प्रयोग बारूद और बन्दूक़ों के चलन से पहले मुख्य रूप से किया जाता था। बाणों का प्रयोग 18वीं शताब्दी तक होता रहा है। हिन्दू धर्म में वर्णित देवी देवताओं ने इसका प्रयोग किया है।