"अंजलिका वेध": अवतरणों में अंतर

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'''अंजलिका वेध''' हाथी के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नही बढ़ता। भीमसेन ने महाभारत युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।  
'''अंजलिका वेध''' [[हाथी]] के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नहीं बढ़ता। [[भीमसेन]] ने [[महाभारत]] युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।  








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12:47, 2 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

अंजलिका वेध हाथी के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नहीं बढ़ता। भीमसेन ने महाभारत युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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