"वारित्त शील बौद्ध निकाय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('बौद्ध धर्म के [[अठारह बौद्ध निकाय|अठारह बौद्ध निकाय...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[बौद्ध धर्म]] के [[अठारह बौद्ध निकाय|अठारह बौद्ध निकायों]] में चेतना शील की यह परिभाषा है:-
[[बौद्ध धर्म]] के [[अठारह बौद्ध निकाय|अठारह बौद्ध निकायों]] में वारित्त शील की यह परिभाषा है:-<br />
जिन कर्मों का सम्पादन नहीं करना चाहिए, उन्हें न करना 'वारित्त शील' है। और निषिद्ध कर्मों के न करने से 'वारित्त शील' पूरा हो जाता है, तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है, उसे अपने जीवन में न उतारने से वारित्त शील, होता है।  
जिन कर्मों का सम्पादन नहीं करना चाहिए, उन्हें न करना 'वारित्त शील' है। और निषिद्ध कर्मों के न करने से 'वारित्त शील' पूरा हो जाता है, तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है, उसे अपने जीवन में न उतारने से वारित्त शील, होता है।  
==संबंधित लेख==
{{बौद्ध धर्म}}
{{अठारह बौद्ध निकाय}}
{{शील विमर्श}}


[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]]  [[Category:बौद्ध धर्म]] [[Category:दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]]  [[Category:बौद्ध धर्म]]   [[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]__INDEX__

13:45, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में वारित्त शील की यह परिभाषा है:-
जिन कर्मों का सम्पादन नहीं करना चाहिए, उन्हें न करना 'वारित्त शील' है। और निषिद्ध कर्मों के न करने से 'वारित्त शील' पूरा हो जाता है, तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है, उसे अपने जीवन में न उतारने से वारित्त शील, होता है।

संबंधित लेख