"किंवदंती": अवतरणों में अंतर
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|उदाहरण=<poem>तु समासार्था '''किंवदंती''' जनश्रुति। | |उदाहरण=<poem>तु समासार्था '''किंवदंती''' जनश्रुति। | ||
वार्ता प्रवृत्तिर्वृत्तांत उदंत: स्यात् अथाह्वय:॥</poem> | वार्ता प्रवृत्तिर्वृत्तांत उदंत: स्यात् अथाह्वय:॥</poem> | ||
|विशेष= | |विशेष=किंवदंती दृष्टांत स्वरूप उल्लेख की जानेवाली विपर्यस्त अथवा असंबद्ध इतिहास की घटनाओं के आधार पर लोकजीवन में प्रचलित कथाएँ। सामान्यत: इस शब्द का प्रयोग दंतकथा और अनुश्रुति के रूप में किया जाता है किंतु इससे ध्वनित होने वाली कथाएँ उनसे किंचित भिन्न होती हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%A6%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%80 |title=किंवदंती |accessmonthday=21 July |accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref> | ||
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|पर्यायवाची=रिवायत, लोक श्रुति, वार्ता, आख्यान, उपाख्यान, कहानी, कहावत, दंतकथा, प्रचलित कथा, लोक गाथा, वदंती। | |पर्यायवाची=रिवायत, लोक श्रुति, वार्ता, आख्यान, उपाख्यान, कहानी, कहावत, दंतकथा, प्रचलित कथा, लोक गाथा, वदंती। |
10:30, 21 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
हिन्दी | वह बात जिसे लोग परम्परा से सुनते आ रहे हों, जनश्रुति, प्रवाह, अफ़वाह। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग, धातु |
-उदाहरण | तु समासार्था किंवदंती जनश्रुति। |
-विशेष | किंवदंती दृष्टांत स्वरूप उल्लेख की जानेवाली विपर्यस्त अथवा असंबद्ध इतिहास की घटनाओं के आधार पर लोकजीवन में प्रचलित कथाएँ। सामान्यत: इस शब्द का प्रयोग दंतकथा और अनुश्रुति के रूप में किया जाता है किंतु इससे ध्वनित होने वाली कथाएँ उनसे किंचित भिन्न होती हैं।[1] |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | रिवायत, लोक श्रुति, वार्ता, आख्यान, उपाख्यान, कहानी, कहावत, दंतकथा, प्रचलित कथा, लोक गाथा, वदंती। |
संस्कृत | किम्+वद्+झिच्+ङीष् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | जनश्रुति |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश