"गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि": अवतरणों में अंतर

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'''[[गणतंत्र दिवस]]''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Republic Day'') [[भारत]] में [[26 जनवरी]] को मनाया जाता है और यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। हर [[वर्ष]] 26 जनवरी एक ऐसा दिन है जब प्रत्‍येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्‍मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, [[1950]] को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार यह सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोक‍तांत्रिक गणतंत्र के रूप में भारत देश सामने आया। [[भारतीय संविधान]], जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।
'''[[गणतंत्र दिवस]]''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Republic Day'') [[भारत]] में [[26 जनवरी]] को मनाया जाता है। यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। हर [[वर्ष]] 26 जनवरी एक ऐसा दिन है, जब प्रत्‍येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्‍मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, [[1950]] को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार यह सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोक‍तांत्रिक गणतंत्र के रूप में भारत देश सामने आया। [[भारतीय संविधान]], जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।
==मुख्य अतिथि, 2024==
26 जनवरी, 2024 को भारत ने अपना 75वाँ गणतंत्र दिवस मनाया है। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक मुख्य अतिथि का भी आगमन होता है। वर्ष [[2024]] की परेड हेतु फ़्राँस के राष्ट्रपति [[इमैनुएल मैक्रों]] बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। 75वें गणतंत्र दिवस, 2024 की थीम हैं- ‘विकसित भारत’ और ‘भारत – लोकतंत्र की मातृका’।
 
गणतंत्र दिवस की परेड (26 जनवरी, 2021) के अवसर पर कोई भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हुआ। ऐसा चौथी बार था, जब कोई विदेशी मेहमान बतौर मुख्य अतिथि परेड में शामिल नहीं हुआ। [[ब्रिटेन]] के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में [[कोरोना विषाणु]] के कारण बिगड़ते हालात की वजह से उन्होंने आने में असमर्थता जताई। इससे पहले भी वर्ष [[1952]] और [[1953]] में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं था। वहीं [[1966]] में तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[लाल बहादुर शास्त्री]] के आकस्मिक निधन के तुरंत बाद पड़े गणतंत्र दिवस पर [[भारत]] ने किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया था।
==कैसे होता है अतिथि चयन==
[[गणतंत्र दिवस]] समारोह के लिए मुख्य अतिथि कौन होगा, इसका फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया जाता है। मुख्य अतिथि को लेकर फैसला [[भारत]] के राजनयिक हितों को ध्यान में रखकर किया जाता है। विदेश मंत्रालय भारत और उसके करीबी देश के बीच संबंधों को ध्यान में रखकई कई मुद्दों पर विचार करता है, जिसके बाद मुख्य अतिथि को निमंत्रण दिया जाता है। कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इनमें राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध, सैन्य सहयोग आदि शामिल हैं। एमईए विचार-विमर्श के बाद अतिथि को निमंत्रण देने के लिए [[प्रधानमंत्री]] की मंजूरी लेता है। जिसके बाद [[राष्ट्रपति भवन]] की मंजूरी ली जाती है। मंजूरी मिलने के बाद जिस देश के व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में चुना जाता है, उस देश में भारत के राजदूत अतिथि की उपलब्धता का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद विदेश मंत्रालय की तरफ़ से बातचीत शुरू होती है और अतिथि के लिए निमंत्रण भेजा जाता है। गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि का चयन अन्य देशों की रुचि और अतिथि की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है।<ref>{{cite web |url=https://khabar.ndtv.com/news/career/republic-day-2019-know-how-republic-day-chief-guest-is-chosen-check-list-of-all-guests-1982552 |title=जानिए कैसे होता है गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन|accessmonthday=29 जनवरी|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= khabar.ndtv.com|language=हिंदी}}</ref>


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==मुख्य अतिथि==
==मुख्य अतिथि सूची==
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|+ भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि
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| [[ब्रिटेन]] के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन [[गणतंत्र दिवस]], [[2021]] पर मुख्‍य अतिथि होते, किन्तु ब्रिटेन में फैल रहे [[कोरोना विषाणु|कोरोना]] के नए स्‍ट्रेन की वजह से उन्होंने अपना [[भारत]] दौरा रद्द कर दिया।
| [[ब्रिटेन]] के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन [[गणतंत्र दिवस]], [[2021]] पर मुख्‍य अतिथि होते, किन्तु ब्रिटेन में फैल रहे [[कोरोना विषाणु|कोरोना]] के नए स्‍ट्रेन की वजह से उन्होंने अपना [[भारत]] दौरा रद्द कर दिया।
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| जेयर मेसियस बोलसोनारो
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|इस वर्ष भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति के कारण किसी भी राष्ट्राध्यक्ष को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस के इतिहास में पहली बार भारत के राष्ट्रपति  एस राधाकृष्णन जी खराब स्वास्थ्य के कारण गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा नहीं बन पाए। 
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| [[लॉर्ड माउंटबेटन|लॉर्ड लुईस माउंटबेटन]]
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| [[चीन]] में सेना प्रमुख के अध्यक्ष
| [[चीन]] में सेना प्रमुख के अध्यक्ष
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| सोवियत संघ के रक्षा मंत्री
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07:19, 26 जनवरी 2024 के समय का अवतरण

गणतंत्र दिवस (अंग्रेज़ी: Republic Day) भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। हर वर्ष 26 जनवरी एक ऐसा दिन है, जब प्रत्‍येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह भर उठता है। ऐसी अनेक महत्त्वपूर्ण स्‍मृतियां हैं जो इस दिन के साथ जुड़ी हुई है। 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार यह सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोक‍तांत्रिक गणतंत्र के रूप में भारत देश सामने आया। भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।

मुख्य अतिथि, 2024

26 जनवरी, 2024 को भारत ने अपना 75वाँ गणतंत्र दिवस मनाया है। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक मुख्य अतिथि का भी आगमन होता है। वर्ष 2024 की परेड हेतु फ़्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। 75वें गणतंत्र दिवस, 2024 की थीम हैं- ‘विकसित भारत’ और ‘भारत – लोकतंत्र की मातृका’।

गणतंत्र दिवस की परेड (26 जनवरी, 2021) के अवसर पर कोई भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हुआ। ऐसा चौथी बार था, जब कोई विदेशी मेहमान बतौर मुख्य अतिथि परेड में शामिल नहीं हुआ। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना विषाणु के कारण बिगड़ते हालात की वजह से उन्होंने आने में असमर्थता जताई। इससे पहले भी वर्ष 1952 और 1953 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं था। वहीं 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के तुरंत बाद पड़े गणतंत्र दिवस पर भारत ने किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया था।

कैसे होता है अतिथि चयन

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि कौन होगा, इसका फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया जाता है। मुख्य अतिथि को लेकर फैसला भारत के राजनयिक हितों को ध्यान में रखकर किया जाता है। विदेश मंत्रालय भारत और उसके करीबी देश के बीच संबंधों को ध्यान में रखकई कई मुद्दों पर विचार करता है, जिसके बाद मुख्य अतिथि को निमंत्रण दिया जाता है। कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इनमें राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध, सैन्य सहयोग आदि शामिल हैं। एमईए विचार-विमर्श के बाद अतिथि को निमंत्रण देने के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी लेता है। जिसके बाद राष्ट्रपति भवन की मंजूरी ली जाती है। मंजूरी मिलने के बाद जिस देश के व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में चुना जाता है, उस देश में भारत के राजदूत अतिथि की उपलब्धता का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद विदेश मंत्रालय की तरफ़ से बातचीत शुरू होती है और अतिथि के लिए निमंत्रण भेजा जाता है। गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि का चयन अन्य देशों की रुचि और अतिथि की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है।[1]

इन्हें भी देखें: गणतंत्र दिवस एवं गणतंत्र दिवस का इतिहास

मुख्य अतिथि सूची

भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि
वर्ष मुख्य अतिथि छवि चित्र देश और पद
2024 इमैनुएल मैक्रों
फ़्राँस के राष्ट्रपति
2023 अब्देल फत्ताह अल सीसी
मिस्र के राष्ट्रपति
2022 कोई नहीं (कोरोना संकट) - -
2021 कोई नहीं (कोरोना संकट)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस, 2021 पर मुख्‍य अतिथि होते, किन्तु ब्रिटेन में फैल रहे कोरोना के नए स्‍ट्रेन की वजह से उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया।
2020 जेयर बोलसोनारो
ब्राज़ील के राष्ट्रपति
2019 सीरिल रामाफोसा
दक्षिण अफ़्रीका
2018 सभी दस आसियान देशों के प्रमुख ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम
2017 शेख मोहमद बिन ज़ायेद अल नाह्यान
अबु धाबी के क्राउन प्रिंस
2016 फ्रांस्वा ओलांद
फ्रांस के राष्ट्रपति
2015 बराक ओबामा
अमेरिका के राष्ट्रपति
2014 शिंजो अबे
जापान के प्रधानमन्त्री
2013 जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक
भूटान नरेश
2012 यिंगलक शिनावात्रा
थाइलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री
2011 सुसिलो बाम्बांग युधोयोनो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
2010 ली म्यूंग बाक
कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) के राष्ट्रपति
2009 नूर सुल्तान नजरबायेब
कज़ाख़िस्तान के राष्ट्रपति
2008 निकोलस सर्कोजी
फ्रांस के राष्ट्रपति
2007 व्लादिमीर पुतिन
रूस के राष्ट्रपति
2006 शाह अब्दुल्ला
सउदी अरब के शाह
2005 जिग्मे सिंग्ये वांग्चुक
भूटान नरेश
2004 लुइज़ इंसियो लूला दा सिल्वा
ब्राज़ील के राष्ट्रपति
2003 मोहम्मद ख़ातमी
ईरान के राष्ट्रपति
2002 कासम उतीम
मॉरीशस के राष्ट्रपति
2001 अब्देलाज़िज बुटेफ्लिका
अलजीरिया के राष्ट्रपति
2000 ओलूसेगुन ओबाझाँजो
नाइजीरिया के राष्ट्रपति
1999 वीरेन्द्र वीर विक्रम शाह
नेपाल नरेश
1998 ज्याक शिराक
फ्रांस के राष्ट्रपति
1997 बासदियो पांडेय
त्रिनिनाड और टोबैगो के प्रधानमंत्री
1996 फर्नांडो हेनरिक कार्डोसो
ब्राज़ील के राष्ट्रपति
1995 नेल्सन मंडेला
दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति
1994 गोह चोक टोंग
सिंगापुर के प्रधानमंत्री
1993 जॉन मेजर
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
1992 मारियो सोरेस
पुर्तग़ाल के राष्ट्रपति
1991 मॉमून अब्दुल गयूम
मालदीव के राष्ट्रपति
1990 अनिरूद जुगनॉथ
मॉरीशस के प्रधानमंत्री
1989 गुयेन वैन लिंह
प्रधान सचिव, वियतनाम
1988 जूनिअस रिचर्ड जयवर्धने
श्रीलंका के प्रधानमंत्री
1987 ऐलन गार्सिया
पेरु के प्रधानमंत्री
1986 एँड्रियास पपनड्रीयु
ग्रीस के प्रधानमंत्री
1985 रॉल अलफोन्सिन
अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति
1984 जिग्मे सिंग्ये वांग्चुक
भूटान नरेश
1983 सेहु शगारी
नाइजीरिया के राष्ट्रपति
1982 जॉन कार्लोस प्रथम
स्पेन के राष्ट्रपति
1981 जोस लोपेज़ पोरेटील्लो
मेक्सिको के राष्ट्रपति
1980 वलेरी गिस्कार्ड द इस्टेइंग
फ्रांस के राष्ट्रपति
1979 मैल्कम फ्रेजर
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
1978 पैट्रिक हिलेरी
ऑयरलैंड के राष्ट्रपति
1977 एडवर्ड गिरेक
पौलैण्ड के प्रथम सचिव
1976 ज्याक शिराक
फ्रांस के प्रधानमंत्री
1975 केनेथ कौंडा
जांबिया के राष्ट्रपति
1974 सिरीमावो रतवत्ते दियास बंदरनायके एवं जोसिप ब्रौज़ टीटो
प्रधानमंत्री श्रीलंका और राष्ट्रपति यूगोस्लाविया
1973 मोबुतु सेस सीको
जैरे के राष्ट्रपति
1972 शिवसागर रामगुलाम
मॉरीशस के प्रधानमंत्री
1971 जुलियस नीयरेरे
तंजानिया के राष्ट्रपति
1970 बौदौइन बेल्जियम के राजा
1969 टोडर ज़िकोव
बुल्गारिया के प्रधानमंत्री
1968 जोसिप ब्रौज़ टीटो एवं एलेक्सी कोज़ीगिन
राष्ट्रपति यूगोस्लाविया, प्रधानमंत्री सोवियत यूनियन
1967 मोहम्मद ज़हीर शाह
अफ़ग़ानिस्तान के किंग
1966 कोई निमंत्रण नहीं इस वर्ष भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति के कारण किसी भी राष्ट्राध्यक्ष को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस के इतिहास में पहली बार भारत के राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन जी खराब स्वास्थ्य के कारण गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा नहीं बन पाए। -
1965 राना अब्दुल हामिद खाद्य एवं कृषि मंत्री, पाकिस्तान
1964 लॉर्ड लुईस माउंटबेटन
यूनाइटेड किंगडम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ -
1963 नोरोदम शिनौक
कंबोडिया के राजा
1962 विगगो कैंपमैन
डेनमार्क के प्रधान मंत्री
1961 एलिज़ाबेथ द्वितीय
रानी, ब्रिटेन
1960 क्लिमेंट वोरोशिलोव
सोवियत संघ के राष्ट्रपति
1959 राजकुमार फ़िलिप (एडिनबर्ग के ड्यूक)
यूनाइटेड किंगडम
1958 ये जियानयिंग
चीन में सेना प्रमुख के अध्यक्ष
1957 जॉर्जी ज़ुकोव
सोवियत संघ के रक्षा मंत्री
1956 कोतारो तनाकाराब बटलर

जापानी न्यायविद और ब्रिटिश रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ
1955 मलिक गुलाम मोहम्मद
गर्वनर जनरल, पाकिस्तान
1954 जिग्मे दोरजी वांग्चुक
भूटान नरेश
1953 कोई निमंत्रण नहीं 1952 और 1953 के गणतंत्र दिवस समारोहों में किसी भी विदेशी मुख्य अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया।
1952 कोई निमंत्रण नहीं 1952 और 1953 के गणतंत्र दिवस समारोहों में किसी भी विदेशी मुख्य अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया।
1951 त्रिभुवन वीर विक्रम शाह
नेपाल के राजा
1950 सुकर्णो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति


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प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जानिए कैसे होता है गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन (हिंदी) khabar.ndtv.com। अभिगमन तिथि: 29 जनवरी, 2020।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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