"गदा शस्त्र": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''गदा अस्त्र'''
{{अस्वीकरण}}
[[चित्र:Jarasandh1.jpg|thumb|[[भीम (पांडव)|भीम]]-[[जरासंध]] युद्ध]]
[[चित्र:Hanuman-2.jpg|thumb|200px|[[हनुमान]]|left]]
*गदा एक प्राचीन शस्त्र है। इसकी लंबाई ज़मीन से छाती तक होती है।
*इसमें एक लंबा दंड होता है ओर उसके एक सिरे पर भारी गोल लट्टू सरीखा शीर्ष होता है।
*इसका वज़न बीस मन तक होता है।
*इनका प्रयोग [[महाभारत|महाभारतकाल]] में किया जाता था।
*दंड पकड़कर शीर्ष की ओर से शत्रु पर प्रहार किया जाता था।
*इसका प्रयोग बल सापेक्ष्य और अति कठिन माना जाता था।
*गदायुद्ध की चर्चा प्राचीन साहित्य में बहुत हुई हैं।
*महाभारत में पात्र [[भीम]], [[दुर्योधन]], [[जरासंध]], [[बलराम]] आदि प्रख्यात गदाधारी थे।
*[[राम]] के सेवक [[हनुमान]] भी गदाधारी है। [[अग्नि पुराण]] में गदा युद्ध के आहत, गोमूत्र, प्रभृत, कमलासन, ऊर्ध्वगत्र, नमित, वामदक्षिण, आवृत्त, परावृत्त, पदोद्धृत, अवप्लत, हंसमार्ग और विभाग नामक प्रकारों का उल्लेख हैं।
*महाभारत में भी कई प्रकारों के गदायुद्ध और कौशल का विस्तृत वर्णन है।
*आजकल गदा का उपयोग व्यायाम के निमित्त होता है।
*इसमें लोग एक हाथ अथवा दोनों में गदा लेकर आगे, पीछे, ऊपर तथा नीचे घुमाते है। इससे हाथ और वक्ष के स्नायु मज़बूत होते हैं।
*उत्तर भारत के पहलवानी अखाड़ों में इसका विशेष प्रचार है।<ref>{{cite book | last = पांडेय | first = सुधाकर | title = हिन्दी विश्वकोश | edition = 1963 | publisher = नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 374 | chapter = खण्ड 3 }}</ref>
 


इसका हाथ पतला और नीचे का हिस्सा वज़नदार होता है। इसकी लंबाई ज़मीन से छाती तक होती है। इसका वज़न बीस मन तक होता है। एक-एक हाथ से दो-दो गदाएँ उठायी जाती थीं। इनका प्रयोग [[महाभारत|महाभारतकाल]] में किया जाता था।
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  
|आधार=
|आधार=
पंक्ति 10: पंक्ति 24:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{अस्त्र शस्त्र}}
{{अस्त्र शस्त्र}}{{महाभारत}}
{{महाभारत}}
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:पौराणिक अस्त्र-शस्त्र]]
[[Category:पौराणिक अस्त्र-शस्त्र]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

15:34, 24 मार्च 2012 के समय का अवतरण

यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण
भीम-जरासंध युद्ध
हनुमान
  • गदा एक प्राचीन शस्त्र है। इसकी लंबाई ज़मीन से छाती तक होती है।
  • इसमें एक लंबा दंड होता है ओर उसके एक सिरे पर भारी गोल लट्टू सरीखा शीर्ष होता है।
  • इसका वज़न बीस मन तक होता है।
  • इनका प्रयोग महाभारतकाल में किया जाता था।
  • दंड पकड़कर शीर्ष की ओर से शत्रु पर प्रहार किया जाता था।
  • इसका प्रयोग बल सापेक्ष्य और अति कठिन माना जाता था।
  • गदायुद्ध की चर्चा प्राचीन साहित्य में बहुत हुई हैं।
  • महाभारत में पात्र भीम, दुर्योधन, जरासंध, बलराम आदि प्रख्यात गदाधारी थे।
  • राम के सेवक हनुमान भी गदाधारी है। अग्नि पुराण में गदा युद्ध के आहत, गोमूत्र, प्रभृत, कमलासन, ऊर्ध्वगत्र, नमित, वामदक्षिण, आवृत्त, परावृत्त, पदोद्धृत, अवप्लत, हंसमार्ग और विभाग नामक प्रकारों का उल्लेख हैं।
  • महाभारत में भी कई प्रकारों के गदायुद्ध और कौशल का विस्तृत वर्णन है।
  • आजकल गदा का उपयोग व्यायाम के निमित्त होता है।
  • इसमें लोग एक हाथ अथवा दोनों में गदा लेकर आगे, पीछे, ऊपर तथा नीचे घुमाते है। इससे हाथ और वक्ष के स्नायु मज़बूत होते हैं।
  • उत्तर भारत के पहलवानी अखाड़ों में इसका विशेष प्रचार है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पांडेय, सुधाकर “खण्ड 3”, हिन्दी विश्वकोश, 1963 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, पृष्ठ सं 374।

संबंधित लेख