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परमकांबोज संभवतः वर्तमान चीनी तुर्किस्तान (सीक्यंग) के कुछ भागों में रहने वाले कबीलों का देश था। इसी के निकट लोह प्रदेश की | परमकांबोज संभवतः वर्तमान चीनी तुर्किस्तान (सीक्यंग) के कुछ भागों में रहने वाले कबीलों का देश था। इसी के निकट लोह प्रदेश की स्थिती रही होगी। अन्य मत के अनुसार लोह या रोह (अथवा लोहित, रोहित) दर्दिस्तान के पश्चिम में स्थित काफिरिस्तान या कोहिस्तान का प्रदेश है जो [[अफ़ग़ानिस्तान]] की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर [[हिन्दूकुश पर्वत]] तक विस्तृत है। रुहेल जो मूलतः इसी प्रदेश के निवासी थे, रोह के नाम पर ही रुहेले कहलाए। [[पाणिनि]] तथा भुवनकोश में भी इस देश का नामोल्लेख है। | ||
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10:56, 15 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
लोह का महाभारत सभा पर्व[1] में उल्लेख अर्जुन की उत्तर दिशा के देशों की दिग्विजय के संबंध में है-
- लोहान् परमकांबोजानृषिकानुत्तरानपि, सहितास्तान् महाराज व्यजयत् पाकशासनिः'।
परमकांबोज संभवतः वर्तमान चीनी तुर्किस्तान (सीक्यंग) के कुछ भागों में रहने वाले कबीलों का देश था। इसी के निकट लोह प्रदेश की स्थिती रही होगी। अन्य मत के अनुसार लोह या रोह (अथवा लोहित, रोहित) दर्दिस्तान के पश्चिम में स्थित काफिरिस्तान या कोहिस्तान का प्रदेश है जो अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर हिन्दूकुश पर्वत तक विस्तृत है। रुहेल जो मूलतः इसी प्रदेश के निवासी थे, रोह के नाम पर ही रुहेले कहलाए। पाणिनि तथा भुवनकोश में भी इस देश का नामोल्लेख है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत सभा पर्व 27, 27
बाहरी कड़ियाँ
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