"ट": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
सपना वर्मा (वार्ता | योगदान) ('right|150px '''ट''' देवनागरी लिपि का तेईसवां अक्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | |||
|चित्र=ट.jpg | |||
'''ट''' [[देवनागरी | |चित्र का नाम= | ||
|विवरण='''ट''' [[देवनागरी वर्णमाला]] में टवर्ग का प्रथम [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] है। | |||
|शीर्षक 1=भाषाविज्ञान की दृष्टि से | |||
|पाठ 1= यह [[मूर्धन्य व्यंजन|मूर्धन्य]], स्पर्श, अघोष तथा अल्पप्राण व्यंजन है। | |||
|शीर्षक 2= व्याकरण | |||
|पाठ 2=[ [[संस्कृत]] (धातु) टल् + ड ] [[पुल्लिंग]]- धनुष की टंकार, पृथ्वी, शपथ, क़सम, बौना, शब्द, ध्वनि, आवाज़। | |||
|शीर्षक 3=विशेष | |||
|पाठ 3= 'ट्' के बाद 'स' और 'ट्' से पहले 'क्', 'र' और 'स्' [[अंग्रेज़ी|अँग्रेज़ी]] आदि से आगत शब्दों में ही जुड़ते हैं। इनमें 'र' का शिरोरेखा के ऊपर रेफ के रूप में रहना ध्यान देने योग्य है। जैसे- थर्ड, बर्ड। | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख=[[ठ]], [[ड]], [[ढ]], [[ण]] | |||
|अन्य जानकारी='ट' वर्ण के बाद आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'ट्', 'ठ्', 'य', 'र' और 'स' ही आते हैं और उन्हें सट्टा, लट्ठा, नाट्य, राष्ट्र, नोट्स' के समान लिखा जाता है। 'ट्र' (ट्+र) विशेष ध्यान देने योग्य है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''ट''' [[देवनागरी वर्णमाला]] में टवर्ग का प्रथम [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह [[मूर्धन्य व्यंजन|मूर्धन्य]], स्पर्श, अघोष तथा अल्पप्राण व्यंजन है। | |||
;विशेष- | |||
* 'ट' वर्ण के बाद आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'ट्', 'ठ्', 'य', 'र' और 'स' ही आते हैं और उन्हें सट्टा, लट्ठा, नाट्य, राष्ट्र, नोट्स' के समान लिखा जाता है। 'ट्र' (ट्+र) विशेष ध्यान देने योग्य है। | |||
* 'ट' से पहले आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'क', 'ट', 'ण', 'र', 'ल', 'ष' और 'स' आते हैं उन्हें 'ऐक्ट, पट्ट, चण्ट्/चंट, शर्ट, बेल्ट, कष्ट, पोस्ट' के समान लिखा जाता है। | |||
* 'ट्' के बाद 'स' और 'ट्' से पहले 'क्', 'र' और 'स्' [[अंग्रेज़ी|अँग्रेज़ी]] आदि से आगत शब्दों में ही जुड़ते हैं। इनमें 'र' का शिरोरेखा के ऊपर रेफ के रूप में रहना ध्यान देने योग्य है। जैसे- थर्ड, बर्ड। | |||
* [ [[संस्कृत]] (धातु) टल् + ड ] [[पुल्लिंग]]- धनुष की टंकार, पृथ्वी, शपथ, क़सम, (किसी वस्तु का) चौथा भाग, चतुर्थांश, नारियल का खोपड़ा, वामन, बौना, शब्द, ध्वनि, आवाज़।<ref>पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 1049</ref> | |||
==ट की बारहखड़ी== | |||
{| class="bharattable-green" | |||
|- | |||
| ट | |||
| टा | |||
| टि | |||
| टी | |||
| टु | |||
| टू | |||
| टे | |||
| टै | |||
| टो | |||
| टौ | |||
| टं | |||
| टः | |||
|} | |||
==ट अक्षर वाले शब्द== | ==ट अक्षर वाले शब्द== | ||
* [[टमाटर]] | * [[टमाटर]] | ||
* टकाटक | * टकाटक | ||
* [[टेसू]] | * [[टेसू]] | ||
* | * [[टकसाल]] | ||
* टखना | * टखना | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 60: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:58, 16 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
ट
| |
विवरण | ट देवनागरी वर्णमाला में टवर्ग का प्रथम व्यंजन है। |
भाषाविज्ञान की दृष्टि से | यह मूर्धन्य, स्पर्श, अघोष तथा अल्पप्राण व्यंजन है। |
व्याकरण | [ संस्कृत (धातु) टल् + ड ] पुल्लिंग- धनुष की टंकार, पृथ्वी, शपथ, क़सम, बौना, शब्द, ध्वनि, आवाज़। |
विशेष | 'ट्' के बाद 'स' और 'ट्' से पहले 'क्', 'र' और 'स्' अँग्रेज़ी आदि से आगत शब्दों में ही जुड़ते हैं। इनमें 'र' का शिरोरेखा के ऊपर रेफ के रूप में रहना ध्यान देने योग्य है। जैसे- थर्ड, बर्ड। |
संबंधित लेख | ठ, ड, ढ, ण |
अन्य जानकारी | 'ट' वर्ण के बाद आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'ट्', 'ठ्', 'य', 'र' और 'स' ही आते हैं और उन्हें सट्टा, लट्ठा, नाट्य, राष्ट्र, नोट्स' के समान लिखा जाता है। 'ट्र' (ट्+र) विशेष ध्यान देने योग्य है। |
ट देवनागरी वर्णमाला में टवर्ग का प्रथम व्यंजन है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह मूर्धन्य, स्पर्श, अघोष तथा अल्पप्राण व्यंजन है।
- विशेष-
- 'ट' वर्ण के बाद आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'ट्', 'ठ्', 'य', 'र' और 'स' ही आते हैं और उन्हें सट्टा, लट्ठा, नाट्य, राष्ट्र, नोट्स' के समान लिखा जाता है। 'ट्र' (ट्+र) विशेष ध्यान देने योग्य है।
- 'ट' से पहले आकर गुच्छ बनाने वाले व्यंजनों में प्राय: 'क', 'ट', 'ण', 'र', 'ल', 'ष' और 'स' आते हैं उन्हें 'ऐक्ट, पट्ट, चण्ट्/चंट, शर्ट, बेल्ट, कष्ट, पोस्ट' के समान लिखा जाता है।
- 'ट्' के बाद 'स' और 'ट्' से पहले 'क्', 'र' और 'स्' अँग्रेज़ी आदि से आगत शब्दों में ही जुड़ते हैं। इनमें 'र' का शिरोरेखा के ऊपर रेफ के रूप में रहना ध्यान देने योग्य है। जैसे- थर्ड, बर्ड।
- [ संस्कृत (धातु) टल् + ड ] पुल्लिंग- धनुष की टंकार, पृथ्वी, शपथ, क़सम, (किसी वस्तु का) चौथा भाग, चतुर्थांश, नारियल का खोपड़ा, वामन, बौना, शब्द, ध्वनि, आवाज़।[1]
ट की बारहखड़ी
ट | टा | टि | टी | टु | टू | टे | टै | टो | टौ | टं | टः |
ट अक्षर वाले शब्द
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 1049
संबंधित लेख