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|विवरण='''''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का पाँचवा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है।  
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|शीर्षक 1=भाषाविज्ञान की दृष्टि से  
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|पाठ 1= ओष्ठ्य, ह्रस्व (जिसका दीर्घ रूप ‘[[ऊ]]’ है), पश्च, वृत्तमुखी, संवृत और मूल स्वर है तथा घोष ध्वनि है।  
|पाठ 1= दीर्घ, अग्र, अवृत्तमुखी, अर्धसंवृत, और सन्युक्त स्वर है तथा घोष ध्वनि है। इसके उच्चारण में कंठ और तालू का प्रयोग होने से यह ‘कंठतालव्य’ वर्ण है।
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|शीर्षक 3=मात्रा
|पाठ 3=‘ु’ (जैसे- कु, चु, टु, तु, पु)
|पाठ 3='े’ (जैसे- के, चे, टे, ते, पे)
|शीर्षक 4=व्याकरण
|शीर्षक 4=व्याकरण
|पाठ 4= [ [[संस्कृत]] (धातु) अत्‌+डु ] [[पुल्लिंग]]- शिव, ब्रह्मा।
|पाठ 4=[ [[संस्कृत]] + विच्‌ ] [[पुल्लिंग]]- विष्णु। [[अव्ययीभाव समास]]- स्मरण, ईर्ष्या, दया, आह्वान, तिरस्कार अथवा धिक्कार का सूचक शब्द।
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|संबंधित लेख=[[अ]], [[आ]], [[ई]], [[ओ]], [[औ]], [[ऊ]]
|संबंधित लेख=[[अ]], [[आ]], [[इ]], [[ई]], [[ओ]], [[औ]], [[ऊ]], [[ऋ]], [[ऐ]], [[अं]], [[अ:]]
|अन्य जानकारी=पूर्वी [[हिंदी]] की ‘[[अवधी]]’ बोली आदि में शब्द के अंत में जुड़ने पर ‘उ’ का अर्थ ‘भी’ होता है। (खलउ = खल / दुष्ट भी)।
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'''ए''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का आठवाँ [[स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह दीर्घ, अग्र, अवृत्तमुखी, अर्धसंवृत, और सन्युक्त स्वर है तथा घोष ध्वनि है। इसके उच्चारण में कंठ और तालू का प्रयोग होने से यह ‘कंठतालव्य’ वर्ण है।
'''ए''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का आठवाँ [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह दीर्घ, अग्र, अवृत्तमुखी, अर्धसंवृत, और सन्युक्त स्वर है तथा घोष ध्वनि है। इसके उच्चारण में कंठ और तालू का प्रयोग होने से यह ‘कंठतालव्य’ वर्ण है।
;विशेष-
;विशेष-
# ए का अनुनासिक रूप ‘एँ’ है।
# ए का अनुनासिक रूप ‘एँ’ है।
# ए की मात्रा [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] की शिरोरेखा के ऊपर लगती है। (जैसे- के, ने, से इत्यादि में)।
# ए की मात्रा [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] की शिरोरेखा के ऊपर लगती है। (जैसे- के, ने, से इत्यादि में)।
# [ [[संस्कृत ए+ विच्‌ ] [[पुल्लिंग]]- विष्णु। अव्यय- स्मरण, ईर्ष्या, दया, आह्वान, तिरस्कार अथवा धिक्कार का सूचक शब्द।
# [ [[संस्कृत]] ए+ विच्‌ ] [[पुल्लिंग]]- विष्णु। अव्यय- स्मरण, ईर्ष्या, दया, आह्वान, तिरस्कार अथवा धिक्कार का सूचक शब्द।
# [ [[फ़ारसी ] अव्यय- बुलाने का या सम्बोधनात्मक शब्द। जैसे- ए लड़के! इधर आ।
# [ [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] [[अव्ययीभाव समास]]- बुलाने का या सम्बोधनात्मक शब्द। जैसे- ए लड़के! इधर आ।
# अव्यय- एक विस्मयसूचक शब्द। जैसे- ए! तुम भी कवि हो।
# अव्यय- एक विस्मयसूचक शब्द। जैसे- ए! तुम भी कवि हो।
# [[सर्वनाम]]- ‘यह’ या ‘ये’। उदाहरण- ए नैना रिझवार –[[बिहारी]]
# [[सर्वनाम]]- ‘यह’ या ‘ये’। उदाहरण- ए नैना रिझवार –[[बिहारी]]
# अँग्रेज़ी वर्णमाला का पहला वर्ण जो ‘अ’ या ‘आ’ की ध्वनि देता है परंतु कहीं ‘ए’ भी।
# अँग्रेज़ी वर्णमाला का पहला वर्ण जो ‘अ’ या ‘आ’ की ध्वनि देता है परंतु कहीं ‘ए’ भी।<ref>पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 456</ref>
 
==ए अक्षर वाले शब्द==
==ए अक्षर वाले शब्द==
* [[एटा]]
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14:29, 15 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण

विवरण देवनागरी वर्णमाला का आठवाँ स्वर है।
भाषाविज्ञान की दृष्टि से दीर्घ, अग्र, अवृत्तमुखी, अर्धसंवृत, और सन्युक्त स्वर है तथा घोष ध्वनि है। इसके उच्चारण में कंठ और तालू का प्रयोग होने से यह ‘कंठतालव्य’ वर्ण है।
अनुनासिक रूप ‘एँ’
मात्रा 'े’ (जैसे- के, चे, टे, ते, पे)
व्याकरण [ संस्कृत ए+ विच्‌ ] पुल्लिंग- विष्णु। अव्ययीभाव समास- स्मरण, ईर्ष्या, दया, आह्वान, तिरस्कार अथवा धिक्कार का सूचक शब्द।
संबंधित लेख , , , , , , , , , अं, अ:

देवनागरी वर्णमाला का आठवाँ स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह दीर्घ, अग्र, अवृत्तमुखी, अर्धसंवृत, और सन्युक्त स्वर है तथा घोष ध्वनि है। इसके उच्चारण में कंठ और तालू का प्रयोग होने से यह ‘कंठतालव्य’ वर्ण है।

विशेष-
  1. ए का अनुनासिक रूप ‘एँ’ है।
  2. ए की मात्रा व्यंजन की शिरोरेखा के ऊपर लगती है। (जैसे- के, ने, से इत्यादि में)।
  3. [ संस्कृत ए+ विच्‌ ] पुल्लिंग- विष्णु। अव्यय- स्मरण, ईर्ष्या, दया, आह्वान, तिरस्कार अथवा धिक्कार का सूचक शब्द।
  4. [ फ़ारसी अव्ययीभाव समास- बुलाने का या सम्बोधनात्मक शब्द। जैसे- ए लड़के! इधर आ।
  5. अव्यय- एक विस्मयसूचक शब्द। जैसे- ए! तुम भी कवि हो।
  6. सर्वनाम- ‘यह’ या ‘ये’। उदाहरण- ए नैना रिझवार –बिहारी
  7. अँग्रेज़ी वर्णमाला का पहला वर्ण जो ‘अ’ या ‘आ’ की ध्वनि देता है परंतु कहीं ‘ए’ भी।[1]

ए अक्षर वाले शब्द

ए की मात्रा े का प्रयोग

क + े = के
ख + े = खे
ग + े = गे
घ + े = घे
ड़ + े = ड़े
च + े = चे
छ + े = छे
ज + े = जे
झ + े = झे
ञ + े = ञे
ट + े = टे
ठ + े = ठे
ड + े = डे
ढ + े = ढे
ण + े = णे
त + े = ते
थ + े = थे
द + े = दे
ध + े = धे
न + े = ने
प + े = पे
फ + े = फे
ब + े = बे
भ + े = भे
म + े = मे
य + े = ये
र + े = रे
ल + े = ले
व + े = वे
श + े = शे
ष + े = षे
स + े = से
ह + े = हे
क्ष + े = क्षे
त्र + े = त्रे
ज्ञ + े = ज्ञे


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 456

संबंधित लेख