"वाल्मीकि के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर
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* हितकर, किंतु अप्रिय वचन को कहने और सुनने वाले, दोनों दुर्लभ हैं। | * हितकर, किंतु अप्रिय वचन को कहने और सुनने वाले, दोनों दुर्लभ हैं। | ||
* सेवा के लिए अर्पण किया गया बल हमेशा टिकेगा, वह अमर होगा। | * सेवा के लिए अर्पण किया गया बल हमेशा टिकेगा, वह अमर होगा। | ||
* धर्म से अर्थ | * धर्म से अर्थ उत्पन्नहोता है। धर्म से सुख होता है। धर्म से मनुष्य सब कुछ प्राप्त करता है। धर्म जगत का सार है। | ||
* राजा जैसा आचरण करता है, प्रजा वैसा ही आचरण करने लगती है। | * राजा जैसा आचरण करता है, प्रजा वैसा ही आचरण करने लगती है। | ||
* अच्छे स्वभाव वाले मित्र अपने घर के सोने चांदी अथवा उत्तम आभूषणो को अपने अच्छे मित्रो से अलग नहीं समझते। | * अच्छे स्वभाव वाले मित्र अपने घर के सोने चांदी अथवा उत्तम आभूषणो को अपने अच्छे मित्रो से अलग नहीं समझते। |
10:01, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
वाल्मीकि के अनमोल वचन |
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इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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