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1. मद्रदेश (आधुनिक पंजाब) के राजा ॠतायन की पुत्री और [[शल्य]] की बहिन जो [[पांडव]] [[नकुल]] और [[सहदेव]] की माता थी। बहुत-सा धन देकर इस सुन्दरी को [[भीष्म]] पाण्डु के लिये मांग लाये थे । इसने बाद में [[कुन्ती]] को प्राप्त [[दुर्वासा]] के मन्त्र का उपयोग करके [[अश्विनीकुमार|अश्विनी कुमारों]] से नकुल और सहदेव नामक सुन्दर पुत्र प्राप्त किये थे । माद्री [[पाण्डु]] की मृत्यु का भी कारण बनी । वन-विहार के समय पाण्डु इसके सौंदर्य पर मोहित हो उठे और उन्होने कामेच्छा से माद्री को अंक से भर लिया । उन्हे नारी संसर्ग से मृत्यु होने का श्राप मिला था। इस पर माद्री ने भी प्राण त्याग दिये। | 1. मद्रदेश (आधुनिक पंजाब) के राजा ॠतायन की पुत्री और [[शल्य]] की बहिन जो [[पांडव]] [[नकुल]] और [[सहदेव]] की माता थी। बहुत-सा धन देकर इस सुन्दरी को [[भीष्म]] पाण्डु के लिये मांग लाये थे । इसने बाद में [[कुन्ती]] को प्राप्त [[दुर्वासा]] के मन्त्र का उपयोग करके [[अश्विनीकुमार|अश्विनी कुमारों]] से नकुल और सहदेव नामक सुन्दर पुत्र प्राप्त किये थे । माद्री [[पाण्डु]] की मृत्यु का भी कारण बनी । वन-विहार के समय पाण्डु इसके सौंदर्य पर मोहित हो उठे और उन्होने कामेच्छा से माद्री को अंक से भर लिया । उन्हे नारी संसर्ग से मृत्यु होने का श्राप मिला था। इस पर माद्री ने भी प्राण त्याग दिये। | ||
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05:40, 21 मार्च 2010 का अवतरण
माद्री / Maadri
1. मद्रदेश (आधुनिक पंजाब) के राजा ॠतायन की पुत्री और शल्य की बहिन जो पांडव नकुल और सहदेव की माता थी। बहुत-सा धन देकर इस सुन्दरी को भीष्म पाण्डु के लिये मांग लाये थे । इसने बाद में कुन्ती को प्राप्त दुर्वासा के मन्त्र का उपयोग करके अश्विनी कुमारों से नकुल और सहदेव नामक सुन्दर पुत्र प्राप्त किये थे । माद्री पाण्डु की मृत्यु का भी कारण बनी । वन-विहार के समय पाण्डु इसके सौंदर्य पर मोहित हो उठे और उन्होने कामेच्छा से माद्री को अंक से भर लिया । उन्हे नारी संसर्ग से मृत्यु होने का श्राप मिला था। इस पर माद्री ने भी प्राण त्याग दिये।
2. मद्रदेश की कन्या और श्रीकृष्ण की एक पत्नी का नाम जो वृक और अपराजित की माता थी। इसका एक नाम लक्ष्मण भी मिलता है।
3. धृष्टि की एक पत्नी जिसने युधाजित, अग्निमित्र आदि को जन्म दिया।