"गरुड़ अस्त्र": अवतरणों में अंतर
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इस [[बाण अस्त्र|बाण]] के चलते ही गरुड़ उत्पन्न होते हैं, जो सर्पों को खा जाते हैं। ये वे आयुध जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं। | इस [[बाण अस्त्र|बाण]] के चलते ही गरुड़ उत्पन्न होते हैं, जो सर्पों को खा जाते हैं। ये वे आयुध जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं। | ||
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10:58, 19 अप्रैल 2011 का अवतरण
गरुड़ अस्त्र
इस बाण के चलते ही गरुड़ उत्पन्न होते हैं, जो सर्पों को खा जाते हैं। ये वे आयुध जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
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