"पाशुपत अस्त्र": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{अस्वीकरण}}
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=पाशुपत |लेख का नाम=पाशुपत (बहुविकल्पी)}}
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=पाशुपत |लेख का नाम=पाशुपत (बहुविकल्पी)}}
पाशुपत अस्त्र से विश्व का नाश हो जाता हैं यह बाण [[महाभारत|महाभारतकाल]] में केवल [[अर्जुन]] के पास था। ये वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।
पाशुपत अस्त्र से विश्व का नाश हो जाता हैं यह बाण [[महाभारत|महाभारतकाल]] में केवल [[अर्जुन]] के पास था। ये वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।


{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  
|आधार=
|आधार=
पंक्ति 11: पंक्ति 12:
}}
}}
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{अस्त्र शस्त्र}}
{{अस्त्र शस्त्र}}{{महाभारत}}
{{महाभारत}}
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:पौराणिक अस्त्र-शस्त्र]]
[[Category:पौराणिक अस्त्र-शस्त्र]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

15:24, 24 मार्च 2012 के समय का अवतरण

यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण
पाशुपत एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पाशुपत (बहुविकल्पी)

पाशुपत अस्त्र से विश्व का नाश हो जाता हैं यह बाण महाभारतकाल में केवल अर्जुन के पास था। ये वे आयुध हैं जो मन्त्रों से चलाये जाते हैं- ये दैवी हैं। प्रत्येक शस्त्र पर भिन्न-भिन्न देव या देवी का अधिकार होता है और मन्त्र-तन्त्र के द्वारा उसका संचालन होता है। वस्तुत: इन्हें दिव्य तथा मान्त्रिक-अस्त्र कहते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख