"स्वास्थ्य (सूक्तियाँ)": अवतरणों में अंतर

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| (19) ||यदि आपके पास स्वास्थ्य है तो संभवतः आप प्रसन्न होंगे, और यदि आपके पास स्वास्थ्य और प्रसन्नता दोनों हैं, तो आपके पास अपनी आवश्यकता के अनुसार समस्त सम्पदा होगी फिर चाहे आप इसे न भी चाहते हों। || एल्बर्ट हुब्बार्ड  
| (19) ||यदि आपके पास स्वास्थ्य है तो संभवतः आप प्रसन्न होंगे, और यदि आपके पास स्वास्थ्य और प्रसन्नता दोनों हैं, तो आपके पास अपनी आवश्यकता के अनुसार समस्त सम्पदा होगी फिर चाहे आप इसे न भी चाहते हों। || एल्बर्ट हुब्बार्ड  
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| (20) ||जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है। || डा. थॉमस फुल्लर  
| (20) ||जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है। || डॉ. थॉमस फुल्लर  
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| (21) ||स्वास्थ्य वह मूल तत्व है जो जीवन की सारी खुशियों को जीवंत बनाता है और स्वास्थ्य के बिना वे सभी नष्ट और नीरस होती हैं। || विलियम टैम्पल  
| (21) ||स्वास्थ्य वह मूल तत्व है जो जीवन की सारी खुशियों को जीवंत बनाता है और स्वास्थ्य के बिना वे सभी नष्ट और नीरस होती हैं। || विलियम टैम्पल  

09:48, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) शीघ्र सोने और प्रात:काल जल्दी उठने वाला मानव अरोग्यवान, भाग्यवान और ज्ञानवान होता है। जयशंकर प्रसाद
(2) जहां तक हो सके, निरन्तर हंसते रहो, यह सस्ती दवा है। अज्ञात
(3) अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी समझ, जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान हैं। साइरस
(4) प्रतिदिन एक सेव खाने से डॉक्टर की आवश्यकता नहीं होती। अंग्रेजी कहावत
(5) स्वास्थ्य परिश्रम में है और श्रम के अलावा वहां तक पहुंचने का कोई दूसरा राजमार्ग नहीं। वेन्डेल फिलप्स
(6) अच्छा मजाक आत्मा का स्वास्थ्य है, चिंता उसका विष। स्टैनली
(7) भलाई में आनंद है, क्योंकि वह तुम्हारे स्वास्थ्य और सुख में वृद्धि करता है। जरथुष्ट्र
(8) प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है।
(9) तीन अनमोल वचन - धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया और चरित्र गया तो सब गया। अंग्रेजी कहावत
(10) जीभ पर काबू रखो, स्वाद के लिए नहीं, स्वास्थ्य के लिए खाओ।
(11) सब कुछ होने पर भी यदि मनुष्य के पास स्वास्थ्य नहीं, तो समझो उसके पास कुछ है ही नहीं।
(12) प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते हैं।
(13) पेट और मस्तिष्क स्वास्थ्य की गाड़ी को ठीक प्रकार चलाने वाले दो पहिए हैं। इनमें से एक बिगड़ गया तो दूसरा भी बेकार ही बना रहेगा।
(14) व्यवस्था मस्तिष्क की पवित्रता है, शरीर का स्वास्थ्य है, शहर की शान्ति है, देश की सुरक्षा है। जो सम्बन्ध धरन (बीम) का घर से है, या हड्डी का शरीर से है, वही सम्बन्ध व्यवस्था का सब चीज़ों से है। राबर्ट साउथ
(15) जहाँ धर्म नहीं, वहां विद्या, लक्ष्मी। स्वास्थ्य आदि का भी अभाव होता है।
(16) जिसका यह दावा है कि वह आध्यात्मिक चेतना के शिखर पर है मगर उसका स्वास्थ्य अक्सर ख़राब रहता है तो इसका अर्थ है कि मामला कहीं गड़बड़ है। महात्मा गांधी
(17) जो पुरुषार्थ नहीं करते उन्हें धन, मित्र, ऐश्वर्य, सुख, स्वास्थ्य, शांति और संतोष प्राप्त नहीं होते। वेदव्यास
(18) स्वास्थ्य के संबंध में, पुस्तकों पर भरोसा न करें। छपाई की एक ग़लती जानलेवा भी हो सकती है। मार्क ट्वेन
(19) यदि आपके पास स्वास्थ्य है तो संभवतः आप प्रसन्न होंगे, और यदि आपके पास स्वास्थ्य और प्रसन्नता दोनों हैं, तो आपके पास अपनी आवश्यकता के अनुसार समस्त सम्पदा होगी फिर चाहे आप इसे न भी चाहते हों। एल्बर्ट हुब्बार्ड
(20) जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है। डॉ. थॉमस फुल्लर
(21) स्वास्थ्य वह मूल तत्व है जो जीवन की सारी खुशियों को जीवंत बनाता है और स्वास्थ्य के बिना वे सभी नष्ट और नीरस होती हैं। विलियम टैम्पल
(22) स्वास्थ्य की हानि होने पर न तो प्रेम, न ही सम्मान, न ही धन-दौलत और न ही बल द्वारा हृदय को खुशी मिल सकती है। जॉन गे
(23) प्रसन्नता स्वास्थ्य में निहित होती है। जार्ज विलियम कर्टिस
(24) अच्छा स्वास्थ्य यदि बोतल में मिलता तो सभी का हष्ट-पुष्ट होते. एक्सरसाइज करें। चेर
(25) जब आपके पास पैसा आ जाता है तो समस्या सेक्स की हो जाती है, जब आपके पास दोनों चीज़ें हो जाती हैं तो स्वास्थ्य समस्या हो जाती है और जब सारी चीज़ें आपके पास होती हैं, तो आपको मृत्यु भय सताने लगता है। जे पी डोनलेवी
(26) स्वास्थ्य और बुद्धिमत्ता जीवन के दो आशीर्वाद हैं। मेनान्डेर
(27) जैसे मस्तिष्क के लिए बुद्धिमत्ता मायने रखती है, ठीक उसी प्रकार से शरीर के लिए स्वास्थ्य मायने रखता है। फ्रांसिस ला रोशेफोकाल्ड
(28) मेरे विचार से आप प्रतिदिन दो में से कोई एक काम करते हैं: स्वास्थ्य वर्धन करना या अपने शरीर में रोग पैदा करना। एडेल्लेय
(29) अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है स्पेन की कहावत
(30) बीमारी की कड़वाहट से व्यक्ति स्वास्थ्य की मधुरता समझ पाता है। कैतालियाई कहावत
(31) जिसके पास स्वास्थ्य है, उसके पास आशा है तथा जिसके पास आशा है, उसके पास सब कुछ है। अरबी कहावत
(32) हर सुधार का कुछ न कुछ विरोध अनिवार्य है। परंतु विरोध और आंदोलन, एक सीमा तक, समाज में स्वास्थ्य के लक्षण होते हैं। महात्मा गांधी
(33) जहां धर्म नहीं, वहां विद्या, लक्ष्मी, स्वास्थ्य आदि का भी अभाव होता है। धर्मरहित स्थिति में बिल्कुल शुष्कता होती है, शून्यता होती है। महात्मा गांधी

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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