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| | 6 अगस्त, 2014 | | | 6 अगस्त, 2014 |
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| प्रिय मित्रो !
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| मथुरा में हमारे घर के सामने सरकारी अस्पताल है और सरकारी डॉक्टरों के रहने के लिए दो बंगले बने हैं। क़रीब बीस साल पहले यहाँ डॉक्टर वी॰ ऍस॰ अग्निहोत्री (Vishnu Sharan Agnihotri) रहते थे। वे बाल रोग विशेषज्ञ हैं। पिताजी उस समय जीवित थे। पिताजी का स्वास्थ्य ख़राब होने पर डॉक्टर साहिब अपनी तरफ़ से ही उन्हें रोज़ाना देखने आया करते थे। पिताजी को ही नहीं बल्कि हमारे पूरे परिवार के स्वास्थ्य को भी डॉक्टर अग्निहोत्री ही ठीक रखते थे।
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| इसके बदले में हमसे कभी किसी भी प्रकार की कोई अपेक्षा उन्होंने नहीं की।
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| हमारे घर के पास एक ग़रीब बस्ती भी है। बस्ती के लोग आज भी डॉक्टर साहिब को याद करते हैं जिसका कारण है मुफ़्त इलाज, मुफ़्त दवाइयाँ और मधुर व्यवहार।
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| आजकल डॉक्टर साहिब इटावा में हैं, मथुरा में घर बनवा लिया है। रिटायर होकर मथुरा ही आने वाले हैं। पूरे ब्रजवासी हो चुके हैं।
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| आज उन्होने भारतकोश के लिए 7000/- रुपये का चैक भेजकर मुझे सुखद आश्चर्य में डाल दिया। एक ईमानदार और सहृदय, सरकारी डॉक्टर के ये सात हज़ार रुपये भारतकोश के लिए कितना महत्व रखते हैं, इसे मैं अच्छी तरह समझ सकता हूँ।
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| चैक के साथ एक पत्र भी है जिसमें विनम्रता का जो वाक्य उन्होंने लिखा है उसे पढ़कर मेरी आँखें भीग गईं, उन्होंने लिखा है- "व्यय को देखते हुए यह धनराशि अत्यन्त अल्प है। रामसेतु निर्माण में गिलहरी का योगदान समझकर स्वीकार करियेगा..." साथ ही यह भी लिखा कि मैं यह किसी को बताऊँ भी नहीं कि उन्होंने योगदान दिया है। भारतकोश की तरफ़ से उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद।
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| मेरा सभी मित्रों से विनम्र आग्रह है कि डॉक्टर साहिब को एक धन्यवाद संदेश, यहाँ अथवा उनकी वॉल पर अवश्य दें।
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| आपका
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| आदित्य चौधरी
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| | 4 अगस्त, 2014
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