"आदित्य चौधरी -फ़ेसबुक पोस्ट": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 62: | पंक्ति 62: | ||
| | | | ||
| 23 दिसम्बर, 2014 | | 23 दिसम्बर, 2014 | ||
|- | |||
| | |||
<poem> | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैंऽऽऽ | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैं | |||
काऊ और की बात करुँ मैं का | |||
अब दिनाउँ तो मो पै कटतु नाय | |||
और रात की बात की करुँ मैं का | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैं... | |||
सपने ऐसे तू दिखाय गयौ | |||
और आंखिन मेंऊ बसाय गयौ | |||
आवाज हर एक लगै ऐसी | |||
तू आय गयौ तू आय गयौ | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैं... | |||
तू समझ कैंऊँ नाय समझ रह्यौ | |||
तू जान कैंऊँ नाय जान रह्यौ | |||
मोहे सबकी बात चुभैं ऐसी | |||
जैसे तीर कलेजाय फार रह्यौ | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैं... | |||
का करूँ तीज त्यौहारी कौ | |||
का करूँ मैं होरी दिवारी कौ | |||
अब कौन के काजें सिंगार करूँ | |||
का करूँ भरी अलमारी कौ | |||
तू जुलम करै अपनौ है कैंऽऽऽ | |||
</poem> | |||
| [[चित्र:Brajbhasha-geet-Aditya-Chaudhary.jpg|250px|center]] | |||
| 19 दिसम्बर, 2014 | |||
|- | |- | ||
| | | |
13:58, 27 दिसम्बर 2014 का अवतरण
|