"कानीन": अवतरणों में अंतर
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'''कानीन''' का उल्लेख [[हिन्दू]] पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]] में हुआ है। महाभारत के अनुसार विवाह होने के पूर्व कुमारी अवस्था में उत्पन्न हुये पुत्र को कानीन कहा गया है। | '''कानीन''' का उल्लेख [[हिन्दू]] पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]] में हुआ है। | ||
*महाभारत के अनुसार विवाह होने के पूर्व कुमारी अवस्था में उत्पन्न हुये पुत्र को कानीन कहा गया है। | |||
*[[महाभारत आदि पर्व]] के अनुसार [[कर्ण|कुंतीसुत कर्ण]] और [[वेदव्यास]] को "कानीन" कहते हैं। कर्ण [[कुंती]] के गर्भ से उत्पन्न सूर्य का पुत्र था और [[मत्स्यगंधा]] के गर्भ से उत्पन्न [[पराशर|पराशर ऋषि]] के पुत्र श्री वेदव्यास थे। | *[[महाभारत आदि पर्व]] के अनुसार [[कर्ण|कुंतीसुत कर्ण]] और [[वेदव्यास]] को "कानीन" कहते हैं। कर्ण [[कुंती]] के गर्भ से उत्पन्न सूर्य का पुत्र था और [[मत्स्यगंधा]] के गर्भ से उत्पन्न [[पराशर|पराशर ऋषि]] के पुत्र श्री वेदव्यास थे। |
05:40, 20 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
कानीन का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है।
- महाभारत के अनुसार विवाह होने के पूर्व कुमारी अवस्था में उत्पन्न हुये पुत्र को कानीन कहा गया है।
- महाभारत आदि पर्व के अनुसार कुंतीसुत कर्ण और वेदव्यास को "कानीन" कहते हैं। कर्ण कुंती के गर्भ से उत्पन्न सूर्य का पुत्र था और मत्स्यगंधा के गर्भ से उत्पन्न पराशर ऋषि के पुत्र श्री वेदव्यास थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 36 |
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