"सैरन्ध्री": अवतरणों में अंतर

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*[[महाभारत]] में [[पांडव|पांडवों]] के वनवास में एक वर्ष का अज्ञात वास भी था जो उन्होंने [[विराट नगर]] में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।
*[[महाभारत]] में [[पांडव|पांडवों]] के वनवास में एक वर्ष का [[अज्ञातवास]] भी था जो उन्होंने [[विराट नगर]] में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।


*[[द्रौपदी]] ने अपना नाम सैरन्ध्री बताया।  
*[[द्रौपदी]] ने अपना नाम सैरन्ध्री बताया।  

07:06, 19 जुलाई 2010 का अवतरण

  • महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष का अज्ञातवास भी था जो उन्होंने विराट नगर में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।
  • द्रौपदी ने अपना नाम सैरन्ध्री बताया।
  • जो शिल्पकर्मों द्वारा जीवन निर्वाह करती हैं। वे अपने सदाचार से स्वत: सुरक्षित होती हैं।
  • ऐसी स्त्रियों को सैरन्ध्री कहते हैं।

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