"कर्दमिल क्षेत्र": अवतरणों में अंतर
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'''कर्दमिल क्षेत्र''' [[वन पर्व महाभारत|महाभारत वन पर्व]] के अंतर्गत [[पांडव|पांडवों]] की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में मधुविला या समंगा नदी के तटवर्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्र का नाम था। | '''कर्दमिल क्षेत्र''' [[वन पर्व महाभारत|महाभारत वन पर्व]] के अंतर्गत [[पांडव|पांडवों]] की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में मधुविला या समंगा नदी के तटवर्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्र का नाम था। | ||
<blockquote>'एषा मधुविला राजन् समंगा संप्रकाशते, एतत् कर्दमिलं नाम भरतस्याभिषेचनम्।' | <blockquote>'एषा मधुविला राजन् समंगा संप्रकाशते, एतत् कर्दमिलं नाम भरतस्याभिषेचनम्।'<ref>[[वन पर्व महाभारत]] 135</ref></blockquote> | ||
कर्दमिल की स्थिति [[हरिद्वार]] से उत्तर में रही होगी। इसके नामकरण का कारण मूलत: इस पर्वतीय प्रदेश में जल और वनस्पति की विपुलता हो सकती है। कर्दमिल [[कर्दम ऋषि]] के नाम पर भी हो सकता है। उपर्युक्त उद्धरण से सूचित होता है कि इस स्थान पर [[भरत (दुष्यंत पुत्र)|राजा भरत]] का अभिषेक हुआ था। | कर्दमिल की स्थिति [[हरिद्वार]] से उत्तर में रही होगी। इसके नामकरण का कारण मूलत: इस पर्वतीय प्रदेश में जल और वनस्पति की विपुलता हो सकती है। कर्दमिल [[कर्दम ऋषि]] के नाम पर भी हो सकता है। उपर्युक्त उद्धरण से सूचित होता है कि इस स्थान पर [[भरत (दुष्यंत पुत्र)|राजा भरत]] का अभिषेक हुआ था। | ||
10:04, 21 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण
कर्दमिल क्षेत्र महाभारत वन पर्व के अंतर्गत पांडवों की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में मधुविला या समंगा नदी के तटवर्ती नदी के तटवर्ती क्षेत्र का नाम था।
'एषा मधुविला राजन् समंगा संप्रकाशते, एतत् कर्दमिलं नाम भरतस्याभिषेचनम्।'[1]
कर्दमिल की स्थिति हरिद्वार से उत्तर में रही होगी। इसके नामकरण का कारण मूलत: इस पर्वतीय प्रदेश में जल और वनस्पति की विपुलता हो सकती है। कर्दमिल कर्दम ऋषि के नाम पर भी हो सकता है। उपर्युक्त उद्धरण से सूचित होता है कि इस स्थान पर राजा भरत का अभिषेक हुआ था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वन पर्व महाभारत 135