"ग्रन्थिक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
*नकुल उनके अधिकारी अर्थात वीरों में प्रधान हैं। अत: उनका यह परिचय यथार्थ ही है।
*नकुल उनके अधिकारी अर्थात वीरों में प्रधान हैं। अत: उनका यह परिचय यथार्थ ही है।


==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{महाभारत}}
{{महाभारत}}
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
__INDEX__
__INDEX__

14:17, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष का अज्ञात वास भी था जो उन्होंने विराट नगर में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।
  • नकुल ने अपना नाम ग्रन्थिक बताया और अपने को अश्वों का अधिकारी कहा है।
  • ग्रन्थिक का अर्थ है आयुर्वेद तथा अध्वर्यु विद्या सम्बन्धी ग्रन्थों को जानने वाला।
  • श्रुति में अश्विनी कुमारों को देवताओं का वैद्य तथा अध्वर्यु कहा गया है। 'अश्विनौ वै देवानां भिषजावश्विनावध्वर्यू'। नकुल अश्विनीकुमारों के पुत्र हैं; अत: उनका अपने को ग्रन्थिक कहना उपयुक्त ही है।

'नास्ति श्वो येषां ते अस्वा:'

  • जिनके कलतक जीवित रहने की आशा न हो, वे अश्व है- इस व्युत्पत्ति के अनुसार जीवन की आशा छोड़कर युद्ध में डटे रहने वाले वीरों को अश्व कहते हैं।
  • नकुल उनके अधिकारी अर्थात वीरों में प्रधान हैं। अत: उनका यह परिचय यथार्थ ही है।

संबंधित लेख