"सैरन्ध्री": अवतरणों में अंतर
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20:17, 14 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
- महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष का अज्ञातवास भी था जो उन्होंने विराट नगर में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।
- द्रौपदी ने अपना नाम सैरन्ध्री बताया।
- जो शिल्पकर्मों द्वारा जीवन निर्वाह करती हैं। वे अपने सदाचार से स्वत: सुरक्षित होती हैं।
- ऐसी स्त्रियों को सैरन्ध्री कहते हैं।