क्रौंच व्यूह
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क्रौंच व्यूह का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। क्रौंच एक पक्षी होता है, जिसे आधुनिक अंग्रेजी भाषा में डेमोसेली क्रेन[1] कहते हैं। ये सारस की एक प्रजाति है। इस व्यूह का आकार इसी पक्षी की तरह होता था।
- महाभारत युद्ध के दूसरे दिन युधिष्ठिर ने पांचाल पुत्र को इसी 'क्रौंच व्यूह' से पांडव सेना सजाने का सुझाव दिया था।
- राजा द्रुपद इस व्यूह के सर की तरफ थे, तथा कुंतिभोज इसकी आँखों के स्थान पर थे।
- आर्य सात्यकि की सेना इस व्यूह की गर्दन के स्थान पर थे।
- भीम तथा पांचाल पुत्र इसके पंखों के स्थान पर थे।
- द्रौपदी के पांचों पुत्र तथा आर्य सात्यकि इसके पंखों की सुरक्षा में तैनात थे।
- ये व्यूह बहुत ताकतवर एवं असरदार था।
- पितामह भीष्म ने स्वयं इस व्यूह से अपनी कौरव सेना सजाई थीं।
- भूरिश्रवा तथा शल्य इसके पंखों की सुरक्षा कर रहे थे।
- सोमदत्त, अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा इस क्रौंच व्यूह के विभिन्न अंगों का दायित्व संभाल रहे थे।[2]
- चक्रव्यूह
- वज्र व्यूह
- अर्धचन्द्र व्यूह
- मंडल व्यूह
- चक्रशकट व्यूह
- मगर व्यूह
- औरमी व्यूह
- गरुड़ व्यूह
- श्रीन्गातका व्यूह
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Demoiselle Crane
- ↑ महाभारत का चक्रव्यूह तथा दूसरे व्यूह Dev Rana=हिन्दी। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2016।
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