अर्धचन्द्र व्यूह
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अर्धचन्द्र व्यूह का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। इस व्यूह की रचना अर्जुन ने कौरवों के 'गरुड़ व्यूह' के प्रत्युत्तर में की थी।
- पांचाल पुत्र ने इस व्यूह को बनाने में अर्जुन की सहायता की थी।
- इस व्यूह के दाहिने तरफ भीम थे।
- क्रौंच व्यूह की उर्ध्व दिशा में द्रुपद तथा विराट नरेश की सेनाएं थीं। उनके ठीक आगे पांचाल पुत्र नील, धृष्टकेतु, और शिखंडी थे।
- युधिष्ठिर इस व्यूह के मध्य में थे।
- सात्यकि, द्रौपदी के पांच पुत्र अभिमन्यु, घटोत्कच, कोकय बंधु इस व्यूह के बायीं ओर थे तथा इसके अग्र भाग पर अर्जुन स्वयं सच्चिदानंद स्वरूप भगवन श्रीकृष्ण के साथ थे।[1]
- महाभारत युद्ध में पांडवों और कौरवों द्वारा रचे गए व्यूह निम्न थे-
- चक्रव्यूह
- वज्र व्यूह
- क्रौंच व्यूह
- मंडल व्यूह
- चक्रशकट व्यूह
- मगर व्यूह
- औरमी व्यूह
- गरुड़ व्यूह
- श्रीन्गातका व्यूह
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत का चक्रव्यूह तथा दूसरे व्यूह Dev Rana=हिन्दी। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2016।
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