ऊ
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ऊ
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| विवरण | ऊ देवनागरी वर्णमाला का छठा स्वर है। |
| भाषाविज्ञान की दृष्टि से | यह ओष्ठ्य, दीर्घ (जिसका ह्रस्व रूप ‘उ’ है, पश्च, वृत्तमुखी, संवृत और मूल स्वर है तथा घोष ध्वनि है। |
| मात्रा | ' ू' (जैसे- कू, चू, टू, तू, पू) |
| व्याकरण | [ संस्कृत अव्+क्विप् ] पुल्लिंग- शिव, महादेव, चंद्रमा। |
| संबंधित लेख | अ, आ, ई, ओ, औ, उ |
| अन्य जानकारी | ु और ू की मात्रा ‘रू’ और ‘रु’ में अंतर (जैसे- रूप, रुपया; रूठना, रुष्टता; इत्यादि में) समझना महत्त्वपूर्ण है। |
ऊ देवनागरी वर्णमाला का छठा स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह ओष्ठ्य, दीर्घ (जिसका ह्रस्व रूप ‘उ’ है, पश्च, वृत्तमुखी, संवृत और मूल स्वर है तथा घोष ध्वनि है।
- विशेष-
- ‘ऊ’ की मात्रा ू व्यंजन के नीचे लगती है (जैसे- कू, घू, तू, शू, सू इत्यादि परंतु, ‘र’ से जुड़ने पर ‘र’ का रूप ’रू’ होता है जो ‘र+उ’ के रूप ‘रु’ से थोड़ा भिन्न है।
- ‘रू’ और ‘रु’ में अंतर (जैसे- रूप, रुपया; रूठना, रुष्टता; इत्यादि में) समझना महत्त्वपूर्ण है।
- [ संस्कृत अव्+क्विप् ] पुल्लिंग- शिव, महादेव, चंद्रमा।
- [ अवधी, ब्रजभाषा, बुंदेली ] सर्वनाम- वह। जैसे- ऊ गया; ऊ से कहो।
ऊ अक्षर वाले शब्द
ऊ की मात्रा ू का प्रयोग
| क + ू = कू |
| ख + ू = खू |
| ग + ू = गू |
| घ + ू = घू |
| ड़ + ू = ड़ू |
| च + ू = चू |
| छ + ू = छू |
| ज + ू = जू |
| झ + ू = झू |
| ञ + ू = ञु |
| ट + ू = टू |
| ठ + ू = ठू |
| ड + ू = डू |
| ढ + ू = ढू |
| ण + ू = णू |
| त + ू = तू |
| थ + ू = थू |
| द + ू = दू |
| ध + ू = धू |
| न + ू = नू |
| प + ू = पू |
| फ + ू = फू |
| ब + ू = बू |
| भ + ू = भू |
| म + ू = मू |
| य + ू = यू |
| र + ू = रू |
| ल + ू = लू |
| व + ू = वू |
| श + ू = शू |
| ष + ू = षू |
| स + ू = सू |
| ह + ू = हू |
| क्ष + ू = क्षू |
| त्र + ू = त्रू |
| ज्ञ + ू = ज्ञू |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
