कं

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:39, 17 अगस्त 2021 का अवतरण (''''कं''' संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कं संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कम्)

1. जल।

2. विष।

3. अग्नि।

4. कवंध।

5. रस।

6. मेघ।

7. पुष्प।

उदाहरण

मेघ पुष्प विस सर्वमुख कं कंबंध रस तोय।[1]

8. मस्तक।

उदाहरण

सिंभु भष के पत्र बन दो बनै चक्र अनूर। देव कं को छत्र छावत सकल सोभा रूप।[2]

9. सुख।

10. काम।

11. सोना

उदाहरण

कं सुख, कं जल, कं अनल, कं शिर, कं पुनि काम। कं कंचन ते प्रीति तजि, सदा कहो हरिनाम।[3]

12. केश[4]

13. भय[5]

14. कृपणता। कंजूसी[6]

15. दुग्ध। दूध[7]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. नंददास ग्रंथावली, सं. व्रजरत्नदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
  2. सूरदास
  3. नंददास (शब्द.)
  4. अन्य कोश
  5. अन्य कोश
  6. अन्य कोश
  7. अन्य कोश

संबंधित लेख