"दिन जल्दी-जल्दी ढलता है -हरिवंश राय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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हो जाय न पथ में रात कहीं, | हो जाय न पथ में रात कहीं, | ||
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मैं होऊँ किसके हित चंचल? | मैं होऊँ किसके हित चंचल? | ||
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! | यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! | ||
− | दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! | + | दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!</poem> |
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12:00, 12 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
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दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! |
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