"अर्जुन की प्रतिज्ञा -मैथिलीशरण गुप्त" के अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (श्रेणी:लेखक (को हटा दिया गया हैं।)) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
|जन्म=[[3 अगस्त]], 1886 | |जन्म=[[3 अगस्त]], 1886 | ||
|जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]] | |जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
− | | | + | |अभिभावक=सेठ रामचरण, काशीबाई |
|पति/पत्नी= | |पति/पत्नी= | ||
|संतान= | |संतान= | ||
पंक्ति 49: | पंक्ति 49: | ||
अभिमन्यु-धन के निधन से कारण हुआ जो मूल है, | अभिमन्यु-धन के निधन से कारण हुआ जो मूल है, | ||
इससे हमारे हत हृदय को, हो रहा जो शूल है, | इससे हमारे हत हृदय को, हो रहा जो शूल है, | ||
− | उस खल जयद्रथ को | + | उस खल जयद्रथ को जगत् में मृत्यु ही अब सार है, |
उन्मुक्त बस उसके लिये रौरव नरक का द्वार है। | उन्मुक्त बस उसके लिये रौरव नरक का द्वार है। | ||
पंक्ति 73: | पंक्ति 73: | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
− | [[Category: | + | [[Category:काव्य कोश]] |
[[Category:आधुनिक साहित्य]] | [[Category:आधुनिक साहित्य]] | ||
[[Category:पद्य साहित्य]] | [[Category:पद्य साहित्य]] |
13:50, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||||
|
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा, |
संबंधित लेख |