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*खंबाला और फोदर में स्थित महत्त्वपूर्ण बांध हैं।
 
*खंबाला और फोदर में स्थित महत्त्वपूर्ण बांध हैं।
 
*चीते और भेड़िए जैसे संकटग्रस्त जंतु यहाँ पाए जाते हैं।
 
*चीते और भेड़िए जैसे संकटग्रस्त जंतु यहाँ पाए जाते हैं।
*चीते और भेड़िए के अलावा वर्धा वन्यजीव अभयारण्य जंगली सूअर, मगरमच्छ, तेंदुआ, धब्बेदार हिरन, सांभर आदि का भी घर है।
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*चीते और भेड़िए के अलावा वर्धा वन्यजीव अभयारण्य जंगली सूअर, मगरमच्छ, [[तेंदुआ]], धब्बेदार हिरन, सांभर आदि का भी घर है।
 
*धब्बेदार चील और क्रेस्टिड हॉक-ईगल भी यहाँ पाई जाती हैं जो दुर्लभ पक्षियों की श्रेणी में आते हैं।
 
*धब्बेदार चील और क्रेस्टिड हॉक-ईगल भी यहाँ पाई जाती हैं जो दुर्लभ पक्षियों की श्रेणी में आते हैं।
 
*वर्धा वन्यजीव अभयारण्य के बीच में किलेश्‍वर मंदिर और कैंपिग स्थल भी है।  
 
*वर्धा वन्यजीव अभयारण्य के बीच में किलेश्‍वर मंदिर और कैंपिग स्थल भी है।  

12:38, 2 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • वर्धा वन्यजीव अभयारण्य गुजरात राज्य के पोरबंदर शहर मे स्थित है।
  • 190 वर्ग किमी. में फैला वर्धा वन्यजीव अभयारण्य पोरबंदर से 15 किमी. दूर पर स्थित है।
  • वर्धा वन्यजीव अभयारण्य गुजरात के दो ज़िलों- पोरबंदर और जामनगर का हिस्सा है।
  • वर्धा वन्यजीव अभयारण्य के चारों ओर से खेत, बंजर भूमि और जंगल से घिरा हुआ हैं।
  • बिलेश्‍वरी और जोघ्री नदी इसके बीच में से होकर बहती हैं।
  • खंबाला और फोदर में स्थित महत्त्वपूर्ण बांध हैं।
  • चीते और भेड़िए जैसे संकटग्रस्त जंतु यहाँ पाए जाते हैं।
  • चीते और भेड़िए के अलावा वर्धा वन्यजीव अभयारण्य जंगली सूअर, मगरमच्छ, तेंदुआ, धब्बेदार हिरन, सांभर आदि का भी घर है।
  • धब्बेदार चील और क्रेस्टिड हॉक-ईगल भी यहाँ पाई जाती हैं जो दुर्लभ पक्षियों की श्रेणी में आते हैं।
  • वर्धा वन्यजीव अभयारण्य के बीच में किलेश्‍वर मंदिर और कैंपिग स्थल भी है।

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