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वंस बड़ौ बड़ी संगति पाइ, बड़ाई बड़ी खरी यौ जग झेली।
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बड़ाई बड़ी खरी यौ जग झेली।
  
साँप फुकारन सीस रसारनु है सबसे जिय ऊपर खेली।
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सबसे जिय ऊपर खेली।
  
बाइक एक ही बार उजारि कै मारि सबै ब्रज नारि नवेली।
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मारि सबै ब्रज नारि नवेली।
  
मोहन संग तू लै जसुरी, बसु (री) बँसुरी ब्रज आइ अकेली।।
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बसु (री) बँसुरी ब्रज आइ अकेली।
  
 
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07:42, 8 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

वंस बड़ौ बड़ी संगति पाइ -बिहारी लाल
बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

वंस बड़ौ बड़ी संगति पाइ,
बड़ाई बड़ी खरी यौ जग झेली।

साँप फुकारन सीस रसारनु है,
सबसे जिय ऊपर खेली।

बाइक एक ही बार उजारि कै,
मारि सबै ब्रज नारि नवेली।

मोहन संग तू लै जसुरी,
बसु (री) बँसुरी ब्रज आइ अकेली।















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