"जब यार देखा नैन भर -अमीर ख़ुसरो" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (चर्चा | योगदान) |
कात्या सिंह (चर्चा | योगदान) |
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|मृत्यु=1325 ई. | |मृत्यु=1325 ई. | ||
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− | |मुख्य रचनाएँ=मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, | + | |मुख्य रचनाएँ=मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईना-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश |
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जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर | जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर | ||
− | ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए | + | ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर। |
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया | जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया | ||
− | हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय | + | हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर। |
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है | तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है | ||
− | तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय | + | तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर। |
जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ | जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ | ||
− | तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय | + | तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर। |
− | मेरी जो मन | + | मेरी जो मन तुमने लिया, तुम उठा गम को दिया |
− | तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग | + | तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर। |
खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब | खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब | ||
− | कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय | + | कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर। |
12:50, 25 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर |
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