"जब यार देखा नैन भर -अमीर ख़ुसरो" के अवतरणों में अंतर

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|मुख्य रचनाएँ=मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईने-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश
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जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
 
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर ।
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ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर।
  
 
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
 
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर ।
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हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर।
  
 
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
 
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर ।
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तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर।
  
 
जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
 
जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर ।
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तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर।
  
मेरी जो मन तुम ने लिया, तुम उठा गम को दिया
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मेरी जो मन तुमने लिया, तुम उठा गम को दिया
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर ।
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तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर।
  
 
खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
 
खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर ।
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कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर।
  
  

12:50, 25 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

जब यार देखा नैन भर -अमीर ख़ुसरो
अमीर ख़ुसरो
कवि अमीर ख़ुसरो
जन्म 1253 ई.
जन्म स्थान एटा, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1325 ई.
मुख्य रचनाएँ मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईना-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अमीर ख़ुसरो की रचनाएँ

जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर।

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर।

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर।

जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर।

मेरी जो मन तुमने लिया, तुम उठा गम को दिया
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर।

खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर।






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