"ठुकरा दो या प्यार करो -सुभद्रा कुमारी चौहान" के अवतरणों में अंतर
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मुक्तामणि बहुमूल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं | मुक्तामणि बहुमूल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं | ||
− | मैं ही हूँ | + | मैं ही हूँ ग़रीबिनी ऐसी जो कुछ साथ नहीं लायी |
फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा करने चली आयी | फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा करने चली आयी | ||
09:16, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं |