बौरसरी मधुपान छक्यौ -बिहारी लाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आशा चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:06, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
बौरसरी मधुपान छक्यौ -बिहारी लाल
बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

बौरसरी मधुपान छक्यौ,
मकरन्द भरे अरविन्द जु न्हायौ।

माधुरी कुंज सौं खाइ धका,
परि केतकि पाँडर कै उठि धायौ॥

सौनजुही मँडराय रह्यौ,
बिनु संग लिए मधुपावलि गायौ।

चंपहि चूरि गुलाबहिं गाहि,
समीर चमेलिहि चूँवति आयौ॥














संबंधित लेख