नामु तेरो आरती भजनु मुरारे -रैदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "१" to "1")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
नामु तेरो आरती भजनु मुरारे -रैदास
रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

नामु तेरो आरती भजनु मुरारे।
हरि के नाम बिनु झूठे सगल पसारे।। टेक।।
नामु तेरो आसनो नामु तेरो उरसा नामु तेरा केसरो ले छिड़का रे।
नामु तेरा अंमुला नामु तेरो चंदनों, घसि जपे नामु ले तुझहि का उचारे।।1।।
नामु तेरा दीवा नामु तेरो बाती नामु तेरो तेलु ले माहि पसारे।
नाम तेरे की जोति लगाई भइआें उजिआरो भवन सगला रे।।२।।
नामु तेरो तागा नामु फूल माला, भार अठारह सगल जूठा रे।
तेरो कीआ तुझहि किआ अरपउ नामु तेरा तुही चवर ढोला रे।।३।।
दसअठा अठसठे चारे खाणी इहै वरतणि है सगल संसारे।
कहै रविदासु नाम तेरो आरती सतिनामु है हरि भोग तुहारे।।४।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख