अब हम खूब बतन -रैदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
स्नेहा (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:55, 28 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
अब हम खूब बतन -रैदास
रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

अब हम खूब बतन घर पाया।
उहॉ खैर सदा मेरे भाया।। टेक।।
बेगमपुर सहर का नांउं, फिकर अंदेस नहीं तिहि ठॉव।।1।।
नही तहॉ सीस खलात न मार, है फन खता न तरस जवाल।।2।।
आंवन जांन रहम महसूर, जहॉ गनियाव बसै माबूद।।3।।
जोई सैल करै सोई भावै, महरम महल मै को अटकावै।।4।।
कहै रैदास खलास चमारा, सो उस सहरि सो मीत हमारा।।5।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख