"कबीर के दोहे" के अवतरणों में अंतर
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− | कस्तूरी | + | कस्तूरी कुन्डल बसे, मृग ढूढै बन माहि । |
− | ऐसे घट घट राम हैं, दुनिया देखे नाहि ॥ | + | ऐसे घट-घट राम हैं, दुनिया देखे नाहि ॥ |
कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय । | कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय । | ||
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जो जल बाढ़े नांव में, घर में बाढ़े दाम। | जो जल बाढ़े नांव में, घर में बाढ़े दाम। | ||
दोऊ हाथ उलीचिये, यही सयानो काम॥ | दोऊ हाथ उलीचिये, यही सयानो काम॥ | ||
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+ | जो गुरु ते भ्रम न मिटे, भ्रान्ति न जिसका जाय । | ||
+ | सो गुरु झूठा जानिये, त्यागत देर न लाय ॥ | ||
जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ। | जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ। | ||
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मूरख संग ना कीजिए, लोहा जल ना तिराइ । | मूरख संग ना कीजिए, लोहा जल ना तिराइ । | ||
कदली, सीप, भुजंग-मुख, एक बूंद तिहँ भाइ ॥ | कदली, सीप, भुजंग-मुख, एक बूंद तिहँ भाइ ॥ | ||
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+ | मांगण मरण समान है, बिरता बंचै कोई । | ||
+ | कहै कबीर रघुनाथ सूं, मति रे मंगावे मोहि ॥ | ||
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+ | मूल ध्यान गुरु रूप है, मूल पूजा गुरु पाँव । | ||
+ | मूल नाम गुरु वचन है, मूल सत्य सतभाव ॥ | ||
एक राम दशरथ का प्यारा, एक राम का सकल पसारा। | एक राम दशरथ का प्यारा, एक राम का सकल पसारा। | ||
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दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। | दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। | ||
− | जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥</poem> | + | जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥ |
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+ | नये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय । | ||
+ | मीन सदा जल में रहै, धोये बास न जाय ॥ | ||
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17:16, 22 सितम्बर 2012 का अवतरण
कबीर के दोहे
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पूरा नाम | संत कबीरदास |
अन्य नाम | कबीरा, कबीर साहब |
जन्म | सन 1398 (लगभग) |
जन्म भूमि | लहरतारा ताल, काशी |
मृत्यु | सन 1518 (लगभग) |
मृत्यु स्थान | मगहर, उत्तर प्रदेश |
पालक माता-पिता | नीरु और नीमा |
पति/पत्नी | लोई |
संतान | कमाल (पुत्र), कमाली (पुत्री) |
कर्म भूमि | काशी, बनारस |
कर्म-क्षेत्र | समाज सुधारक कवि |
मुख्य रचनाएँ | साखी, सबद और रमैनी |
विषय | सामाजिक |
भाषा | अवधी, सधुक्कड़ी, पंचमेल खिचड़ी |
शिक्षा | निरक्षर |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | कबीर ग्रंथावली, कबीरपंथ, बीजक, कबीर के दोहे आदि |
अन्य जानकारी | कबीर का कोई प्रामाणिक जीवनवृत्त आज तक नहीं मिल सका, जिस कारण इस विषय में निर्णय करते समय, अधिकतर जनश्रुतियों, सांप्रदायिक ग्रंथों और विविध उल्लेखों तथा इनकी अभी तक उपलब्ध कतिपय फुटकल रचनाओं के अंत:साध्य का ही सहारा लिया जाता रहा है। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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