"खेलत फाग सुहाग भरी -रसखान" के अवतरणों में अंतर

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गेरत लाल गुलाल लली, मनमोहन मौज मिटा करि कै ।
 
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जात चली रसखान अली, मदमस्त मनी मन कों हरि कै ॥  
 
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10:07, 14 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण

खेलत फाग सुहाग भरी -रसखान
रसखान की समाधि, महावन, मथुरा
कवि रसखान
जन्म सन् 1533 से 1558 बीच (लगभग)
जन्म स्थान पिहानी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु प्रामाणिक तथ्य अनुपलब्ध
मुख्य रचनाएँ 'सुजान रसखान' और 'प्रेमवाटिका'
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रसखान की रचनाएँ

खेलत फाग सुहाग भरी, अनुरागहिं लालन को धरि कै ।
भारत कुंकुम, केसर की पिचकारिन में रंग को भरि कै ॥

गेरत लाल गुलाल लली, मनमोहन मौज मिटा करि कै ।
जात चली रसखान अली, मदमस्त मनी मन कों हरि कै ॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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