नील पर कटि तट जटनि दै मेरी आली, लटुन सी साँवरी रजनि सरसान दै। नूपुर उतारन किंकनी खोल डारनि दै, धारन दै भूषन कपूर पान खान दै। सरस सिंगार कै बिहारी लालै बसि करौ, बसि न करि सकै ज्यौं आन प्रिय प्रान दै। तौ लगि तू धीर धर एतौ मेरौ कह्यौ करि, चलिहौं कन्हैया पै जुन्हैया नैंकु जानि दै।