झहरि झहरि झीनी -देव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:47, 25 जनवरी 2013 का अवतरण (Text replace - "Blankimage.gif" to "Blankimage.png")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
झहरि झहरि झीनी -देव
उपलब्ध नहीं है
कवि देव
जन्म सन 1673 (संवत- 1730)
मृत्यु सन 1768 (संवत- 1825)
मुख्य रचनाएँ भाव-विलास, भवानी-विलास, कुशल-विलास, रस-विलास, प्रेम-चंद्रिका, सुजान-मणि, सुजान-विनोद, सुख-सागर
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
देव की रचनाएँ

झहरि झहरि झीनी बूँद है परति मानों,
घहरि घहरि घटा घेरी है गगन में।
आनि कह्यो स्याम मो सौं 'चलौ झूलिबे को आज'
फूली न समानी भई ऎसी हौं मगन मैं॥
चाहत उठयोई उठि गई सो निगोड़ी नींद,
सोय गये भाग मेरे जानि वा जगन में।
आँख खोलि देखौं तौं न घन हैं, न घनश्याम,
वेई छाई बूँदैं मेरे आँसु ह्वै दृगन में॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख