"पतीया मैं कैशी लीखूं, लीखये न जातरे -मीरां" के अवतरणों में अंतर
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पतीया मैं कैशी लीखूं, लीखये न जातरे॥ध्रु०॥ | पतीया मैं कैशी लीखूं, लीखये न जातरे॥ध्रु०॥ | ||
कलम धरत मेरा कर कांपत। नयनमों रड छायो॥1॥ | कलम धरत मेरा कर कांपत। नयनमों रड छायो॥1॥ | ||
− | हमारी बीपत उद्धव देखी जात है। हरीसो कहूं वो जानत | + | हमारी बीपत उद्धव देखी जात है। हरीसो कहूं वो जानत है॥2॥ |
− | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल रहो | + | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल रहो छाये॥3॥ |
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10:10, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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पतीया मैं कैशी लीखूं, लीखये न जातरे॥ध्रु०॥ |