अथर्वा
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- सारे संसार में यक्षों की प्रथा चलाने-वाले ऋषि का नाम।[1] इनका ब्याह कर्दम ऋषि की पुत्री चित्ति से हुआ था। दधीचि इनका पुत्र था जिसका सिर घोड़े का था।[2]
- एक ब्राह्मण पुरोहित का नाम जिसे महाराज युधिष्ठिर ने अपने राजसूय यज्ञ में बुलाया था।[3]
- लौकिकाग्नि-भृगु। दर्पहाके पिता। यह दध्यङ्डाथर्वणकी श्रेणीका है।[4]
- एक ऋषि, जो ब्रह्मा के पुत्र कहे जाते हैं। ये अग्नि को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाए थे।